George Floyd Death: अमेरिका में हुए प्रदर्शन की मन को छूने और दिल को दहलाने वाली तस्वीरें
अमेरिका में हुई जॉर्ज फ्लॉयड की मौत के बाद वहां कई शहरों में हिंसक विरोध प्रदर्शन हुए। इस वजह से अमेरिका के इन शहरों को लाखों का नुकसान हुआ है।
नई दिल्ली। George Floyd Death: अमेरिका में हुई जॉर्ज फ्लॉयड की मौत के बाद विरोध प्रदर्शनों का सिलसिला लगातार जारी रहा। इस दौरान अमेरिका के तमाम शहरों में हो रहे विरोध प्रदर्शनों के बीच अलग-अलग तरीके भी देखने को मिले। प्रदर्शन की ये आग व्हाइट हाउस तक पहुंच गई। एक समय ऐसा भी आया जब अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को शहर में सेना तक लगाने के लिए कहना पड़ा।
कैसे हुई थी 25 मई को जॉर्ज फ्लॉयड की मौत :
दरअसल मिनियापोलिस में 46 वर्षीय जॉर्ज फ्लॉयड को एक दुकान में नकली बिल का इस्तेमाल करने के संदेह में 25 मई को गिरफ्तार किया गया था। पुलिस के मुताबिक, जॉर्ज पर आरोप लगा था कि उन्होंने 20 डॉलर (भारतीय मुद्रा में करीब 1500 रुपये) के फर्जी नोट के जरिए एक दुकान से खरीदारी की कोशिश की थी। पुलिस के अनुसार, जॉर्ज ने पुलिस अफसरों को रोकने की कोशिश की, इसलिए उन्हें हथकड़ी पहना दी गई।
पुलिस वाले उन्हें गाड़ी में बैठाने की कोशिश कर रहे थे, तभी जॉर्ज जमीन पर गिर गए। फिर पुलिस अफसर ने उनके गले पर अपना पैर रख दिया, कुछ देर के बाद उनकी सांसें बंद हो गई और जॉर्ज की मौत हो गई। हम आपको अमेरिका के अलग-अलग शहरों में हुए धरना प्रदर्शन की तस्वीरें दिखा रहे हैं।
नस्लीय हिंसा के दौरान उग्र प्रदर्शन हुए
यहां नस्लीय हिंसा इस कदर तक बढ़ी कि कई शहर उग्र विरोध-प्रदर्शनों से झुलस गए। श्वेत पुलिस अधिकारी की हिरासत में अश्वेत जॉर्ज फ्लॉयड की मौत के बाद से लोगों का गुस्सा थमने का नाम नहीं ले रहा। घटना की वीडियो सामने आने के बाद लोगों को उस सच्चाई का पता चला, ये वीडियो सोशल मीडिया पर काफी वायरल हुआ, इस वीडियो में श्वेत पुलिस अधिकारी ने जॉर्ज के गले पर अपना पैर रखा हुआ था। उसका एक हाथ अपनी पेंट की जेब में था और उसने स्टाइल से अपना पैर जॉर्ज के गले पर रखा हुआ था। पुलिस अधिकारी के अपना घुटना जॉर्ज की गर्दन पर रखने की वजह से मौत हो गई थी।
श्वेत पुलिस अधिकारी के हाथों जॉर्ज की मौत के बाद भड़की हिंसा ने अमेरिका को हिलाकर रख दिया। जॉर्ज फ्लायड की मौत के बाद अमेरिका के विभिन्न हिस्सों में विरोध प्रदर्शन भड़क उठे और इसने कई जगह हिंसक रूप ले लिया है। इन विरोध प्रदर्शनों ने अमेरिका में पिछले काफी समय से चली आ रही नस्लीय हिंसा को फिर से सुर्खियों में ला दिया है।
दो सप्ताह से अधिक समय से अमेरिका के कुछ बड़े शहरों अटलांटा, वाशिंगटन डीसी, डेनवर और लॉस एंजिलिस में विरोध प्रदर्शन हुए। इन विरोध प्रदर्शनों में बच्चे, महिलाएं और बुजुर्ग भी शामिल हुए। पूरे अमेरिका में ‘नो जस्टिस नो पीस’ और ‘ब्लैक लाइव्स मैटर’ जैसे नारे गूंजे।
प्रदर्शन करने वालों ने अपने हाथ में छोटे-छोटे पोस्टर ले रखे थे, जिसमें नस्लीय हिंसा के शिकार लोगों की फोटो लगी हुई थी।
सैकड़ों की संख्या में प्रदर्शन करने वाले अपने हाथों में पोस्टर लेकर सड़क पर उतर आए थे। ये लोग ब्लैक लाइफ मैटर के नारे लगा रहे थे।
विरोध प्रदर्शन का एक तरीका ये भी देखने को मिला कि प्रदर्शन में शामिल लोग जमीन पर लेट गए और अपने हाथ पीछे कर लिए।
व्हाइट हाउस के पास विरोध का एक तरीका ये भी नजर आया।
प्रदर्शन करने वालों ने अपने हाथ में पोस्टर ले रखे कि हमें गोली मार मारो। इसमें बड़ी संख्या में महिलाएं भी शामिल हुई।
नस्लीय हिंसा के विरोध में हजारों की संख्या में लोग शामिल हुए और विरोध दर्ज कराया।
विरोध प्रदर्शन के दौरान लोगों ने कोरोनावायरस से बचाव के लिए अपने चेहरे पर मास्क लगा रखा था मगर सोशल डिस्टेंसिंग नहीं दिखी।
प्रदर्शन करने वालों ने अपने साथ सीटी भी रखी हुई थी वो सड़क पर चलने के दौरान वो उसको भी बजा रहे थे।
अमेरिका की सड़कों पर रात के समय भी काफी संख्या में लोग इस नस्लीय हिंसा के विरोध में सड़क पर उतर रहे थे।
कुछ अश्वेत लोग इन प्रदर्शनों में अपने बच्चों के साथ भी शामिल दिखे, इन लोगों ने अपने बच्चों के हाथ में एकता का प्रतीक दिखाने वाले मुक्के का सिंबल दे रखा था।
भारी संख्या में लोग सड़क पर जमा होकर नारे लगाते और न्याय की मांग करते देखे गए।
एक समय प्रदर्शन करने वाले उग्र हो गए और उन्होंने सरकारी संपत्तियों को नुकसान भी पहुंचाया।
पुलिस की गाड़ियों को आग के हवाले कर दिया गया।
प्रदर्शन करने वालों की मांग थी कि जॉर्ज फ्लॉयड की हत्या के मामले में जल्द से जल्द न्याय किया जाए।
इस नस्लीय हिंसा में श्वेत और अश्वेत दोनों ही महिलाएं शामिल थीं। सभी ने पुलिस की ज्यादती के खिलाफ आवाज बुलंद की। (सभी फोटो- न्यूज एंजेसी एपी से लिए गए हैं।)