त्वचा कैंसर का खतरा बढ़ाने वाले जीनोम का पता चला, वैज्ञानिकों ने बताई बड़ी उपलब्धि
स्क्वैमस सेल कार्सिनोमा बेसल सेल कार्सिनोमा और मेलानोमा त्वचा कैंसर के तीन प्रमुख कारण हैं।
वॉशिंगटन, एजेंसियां। त्वचा कैंसर की जांच की दिशा में वैज्ञानिकों ने बड़ी उपलब्धि हासिल की है। वैज्ञानिकों ने शरीर में आठ ऐसे नए जीनोम लोकेशन का पता लगाया है जो किसी व्यक्ति में त्वचा कैंसर का खतरा बढ़ाने में भूमिका निभाते हैं। इस शोध में त्वचा कैंसर के प्रकार स्क्वैमस सेल कार्सिनोमा का कारण बनने वाले जीन की पहचान हुई है।
शोधकर्ताओं ने बताया कि इस त्वचा कैंसर से जुड़ा यह अब तक का सबसे बड़ा जेनेटिक अध्ययन है। इस अध्ययन में स्क्वैमस सेल कार्सिनोमा के करीब 20,000 मरीजों और 6,80,000 स्वस्थ लोगों को शामिल किया गया था। स्क्वैमस सेल कार्सिनोमा, बेसल सेल कार्सिनोमा और मेलानोमा त्वचा कैंसर के तीन प्रमुख कारण हैं। कुछ जेनेटिक कारण इन तीनों कैंसर में भूमिका निभाते हैं, जबकि कुछ जेनेटिक बदलाव केवल स्क्वैमस सेल कार्सिनोमा की वजह बनते हैं। शोध के नतीजे इस कैंसर के इलाज का नया रास्ता खोजने में मददगार हो सकते हैं। (एएनआइ)
लार की जांच से चलेगा शरीर में अतिरिक्त वसा का पता
वैज्ञानिकों ने लार की जांच से शरीर में अतिरिक्त वसा का पता लगाने का तरीका ईजाद किया है। इसकी मदद से मोटापे से जुड़ी गंभीर बीमारियों का समय रहते पता लगाना संभव हो सकेगा। शोधकर्ता पाउला मिडोरी कास्टेलो ने कहा, 'हमारा लक्ष्य है कि चिकित्सकीय जांच के लिए लार को एक बेहतर विकल्प के रूप में प्रयोग किया जाए।
लार की सबसे बड़ी खूबी है कि इसका सैंपल बिना दर्द और चीरफाड़ के आसानी से कई बार लिया जा सकता है।' उन्होंने बताया कि लार में मौजूद यूरिक एसिड का स्तर इस बात की जानकारी देता है कि शरीर में वसा की मात्रा कैसी है। यह किशोर उम्र में भी इस बात की जानकारी देने में सक्षम है। यह जांच इसलिए भी अहम है क्योंकि कम उम्र में अक्सर वसा के स्तर का सही अंदाजा नहीं लगने से आगे चलकर मोटापे से जुड़ी कई बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। (प्रेट्र)