फ्रंटलाइन हेल्थकेयर वर्करों पर संक्रमण का जोखिम अधिक, नहीं बचा सकता PPE: शोध
कोविड-19 संक्रमण का हर दिन सामना करने वाले फ्रंट लाइन पर तैनात हेल्थ केयर वर्करों व डॉक्टरों पर संक्रमण का खतरा आम लोगों की तुलना में काफी अधिक है।
लंदन, एएनआइ। कोविड-19 संक्रमण का हर दिन सामना करने वाले फ्रंट लाइन पर तैनात हेल्थ केयर वर्करों व डॉक्टरों पर संक्रमण का खतरा आम लोगों की तुलना में काफी अधिक है। पर्याप्त पर्सनल प्रोटेक्टिव इक्विपमेंट (personal protective equipmen, PPE) के बावजूद घातक वायरस का खतरा काफी अधिक है।
नए शोध के अनुसार, आम लोगों की तुलना में इन हेल्थ वर्करों पर SARS-CoV-2 से संक्रमित होने का खतरा तीन गुना अधिक है। इनमें से जिनके पास PPE किट की उपलब्धता पर्याप्त नहीं है उनपर तो और भी अधिक खतरा है। यह शोध आज जर्नल लांसेट पब्लिक हेल्थ में प्रकाशित हुई है। इस शोध के अनुसार, अश्वेत, एशियाई और अल्पसंख्यक समुदाय के हेल्थवर्करों (BAME) के संक्रमित होने का खतरा काफी है। इस शोध के लिए लंदन के किंग्स कॉलेज और हॉवर्ड के शोधकर्ताओं ने कोविड सिंप्टम ट्रैकर एप (COVID Symptom Tracker App) का इस्तेमाल कर ब्रिटेन व अमेरिका में 99 हजार 7 सौ 95 फ्रंटलाइन वर्करों और 20 लाख 35 हजार 3 सौ 94 लोगों का डाटा संकलित किया।
प्रति 100,000 फ्रंटलाइन स्वास्थ्यकर्मियों में 2747 मामले संक्रमण के पाए गए। जबकि यही आम जनता के समुदाय में प्रति 100,000 लोगों में मात्र 242 मामले संक्रमण के थे। BAME हेल्थ केयरवर्करों पर यही खतरा पांच गुना अधिक है। किंग्स कॉलेज के सीनियर ऑथर प्रोफेसर सेबेशियन ऑर्सेलिन ने कहा, ' हमारी स्टडी के निष्कर्षों का अस्पतालों व हेल्थकेयर वर्करों पर काफी अधिक प्रभाव पड़ा है।
कोरोना से बचने में पीपीई किट भी नहीं है कारगर
नॉवेल कोरोना वायरस के कारण होने वाली बीमारी कोविड-19 संक्रामक बीमारी है और इससे बचने के लिए तमाम तरह के उपायों की सलाह दी गई है जैसे मास्क पहनना, शारीरिक दूरी, हाथों की सफाई, सैनिटाइजर का इस्तेमाल आदि। इसके अलावा पीपीई किट की पूरी व्यवस्था की गई है। मरीजों के इलाज में लगे डॉक्टर, नर्स, कंपाउंडर और मेडिकल स्टाफ को सिर से पांव तक वायरस संक्रमण से बचाव के लिए कई तरह की चीजें पहननी होती हैं और ये सारी चीजें पीपीई किट में शामिल है।