Move to Jagran APP

ईरान के मुद्दे पर अमेरिकी सीनेट में वोटिंग से पहले ही फ्रांस ने दिया डोनाल्‍ड ट्रंप को झटका

ईरान के मसले पर अमेरिका जहां सख्‍त हो रहा है वहीं फ्रांस ने उसको इस मुद्दे पर बरदस्‍त झटका दिया है।

By Kamal VermaEdited By: Published: Fri, 28 Jun 2019 01:18 PM (IST)Updated: Sat, 29 Jun 2019 08:58 AM (IST)
ईरान के मुद्दे पर अमेरिकी सीनेट में वोटिंग से पहले ही फ्रांस ने दिया डोनाल्‍ड ट्रंप को झटका
ईरान के मुद्दे पर अमेरिकी सीनेट में वोटिंग से पहले ही फ्रांस ने दिया डोनाल्‍ड ट्रंप को झटका

नई दिल्‍ली [जागरण स्‍पेशल]। ईरान के मुद्दे पर आज अमेरिकी सीनेट में अहम दिन है। आज अमेरिकी सीनेट ईरान पर हमले के लिए ट्रंप के अधिकारों को सीमित करने के लिए मतदान करेगी। लेकिन इससे पहले ही फ्रांस ने इस मुद्दे पर अमेरिका को जबरदस्‍त झटका दिया है। दरअसल, फ्रांस ने साफ कर दिया है कि यदि ईरान से युद्ध में अमेरिका ने नाटो सेना का इस्‍तेमाल किया तो यह अच्‍छा नहीं होगा। आपको यहां पर ये भी बता दें इस मुद्दे पर फ्रांस ही नहीं बल्कि जर्मनी भी अमेरिका से काफी खफा है। ईरान से हुई परमाणु डील को खत्‍म करने के बाद दोनों देशों के राष्‍ट्राध्‍यक्षों ने अमेरिकी राष्‍ट्रपति डोनाल्‍ड ट्रंप से बातचीत की थी। हालांकि, यह वार्ता विफल रही और ट्रंप परमाणु डील के मु्द्दे पर एक कदम भी पीछे हटने के लिए नहीं माने थे। फ्रांस की तरफ से आया ताजा बयान भी इसी राह पर एक अगला कदम माना जा रहा है।

loksabha election banner

फ्रांस की तरफ से जिस तरह का बयान दिया गया है कि उससे साफ है कि अमेरिका ने यदि ईरान पर युद्ध थोपा तो कहीं न कहीं फ्रांस और दूसरे देश न सिर्फ इसका विरोध करेंगे, बल्कि यह लड़ाई भी ट्रंप को अकेले ही लड़नी होगी। यहां पर एक बात और स्‍पष्‍ट हो जाती है कि यदि युद्ध छिड़ा तो इसके व्‍यापक परिणाम झेलने होंगे। गौरतलब है कि अमेरिकी राष्‍ट्रपति डोनाल्‍ड ट्रंप ने परमाणु डील से तोड़ने के बाद ईरान से किसी भी तरह के तेल व्‍यापार करने पर प्रतिबंध लगा दिया था। इसकी वजह से मजबूरन भारत और चीन को अपनी जरूरत का तेल खरीदने के लिए दूसरे देशों को तलाशना पड़ रहा है। यहां पर ये भी खास है कि तेल के क्षेत्र में ईरान और वेनेजुएला दोनों ही बड़ा नाम थे, लेकिन इन दोनों से ही अमेरिका ने दुश्‍मनी मोल ले ली है। इन दोनों से ही अमेरिका के संबंध बेहद खराब हो चुके हैं। इसका असर कहीं न कहीं अंतरराष्‍ट्रीय तेल बाजार पर भी देखने को मिला है।

ईरान-अमेरिका युद्ध की आशंका से पूरा मिडिल ईस्‍ट घबराया हुआ है। वहीं इसको लेकर दोनों देशों के प्रमुख काफी तीखी बयानबाजी कर चुके हैं। अमेरिकी ड्रोन को हवा में मार गिराने के बाद राष्‍ट्रपति डोनाल्‍ड ट्रंप ने ईरान को नॉट स्‍मार्ट कहा था वहीं ईरान ने अमेरिका को दिमागी विक्षिप्‍त बता दिया था। फ्रांस के रक्षा मंत्री फ्लोरेंस पार्ले ने अमेरिकी कार्यवाहक रक्षा मंत्री मार्क एस्‍पर को स्‍पष्‍ट शब्‍दों में कहा है कि इस जंग में किसी भी सूरत से नाटो का इस्‍तेमाल न किया जाए। आमने सामने की बैठक के दौरान फ्रांस की तरफ से यह बात कही गई है। उनका यह बयान इसलिए भी खास हो जाता है क्‍योंकि बंद दरवाजे में हुई इस बैठक के दौरान नाटो सदस्‍य देशों के पांच प्रतिनिधि भी शामिल थे। इसमें जर्मनी के प्रतिनिधि भी शामिल थे।

एस्‍पर ने साफ कर दिया है कि नाटो को इस जंग से बाहर रहना चाहिए, लेकिन साथ ही ईरान को भी दोबारा ड्रोन मार गिराने जैसी घटनाओं से बचना होगा। इसको भी बर्दाश्‍त नहीं किया जाएगा। यहां पर इस बात को भी नजर अंदाज नहीं किया जा सकता है कि ईरान और अमेरिका के बीच तनाव बढ़ने का सबसे बड़ा कारण 20 जून को US RQ-4 ग्‍लोबल हॉक ड्रोन को मार गिराया जाना ही था। यह मानवरहित विमान करीब 130 मिलियन डॉलर का था। ईरान से जंग की आशंका के मद्देनजर नाटो के महासचिव जेंस स्‍टोल्‍टेनबर्ग ने भी अमेरिका को इसी तरह का बयान देकर अपनी मंशा को जाहिर कर दिया है। आपको यहां पर ये भी बताना जरूरी हो जाता है कि नाटो के सदस्‍य देशों की संख्‍या 29 है।

जी20 की बैठक का सबसे बड़ा सवाल, क्‍या सुलझेगा चीन-अमेरिकी ट्रेड वार का मसला
फिर सामने आई मानवता को शर्मसार कर देने वाली तस्‍वीर, बेहतर जिंदगी की चाह में मिली मौत  


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.