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पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप के सहयोगी पर यूएई के एजेंट के रूप में कार्य करने का आरोप

पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के सहयोगी टॉम बैरक पर मंगलवार को संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) के हितों को आगे बढ़ाने के लिए अभियान और प्रशासन की विदेश नीति की स्थिति को अवैध रूप से प्रभावित करने का आरोप लगा है।

By Avinash RaiEdited By: Published: Wed, 21 Jul 2021 03:03 PM (IST)Updated: Wed, 21 Jul 2021 03:03 PM (IST)
पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप के सहयोगी पर यूएई के एजेंट के रूप में कार्य करने का आरोप
पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के सहयोगी टॉम बैरक

वाशिंगटन, एएनआइ। पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के सहयोगी टॉम बैरक पर मंगलवार को संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) के हितों को आगे बढ़ाने और विदेश नीति को अवैध रूप से प्रभावित करने का आरोप लगा है। सीएनएन के अनुसार, बैरक ने अप्रैल 2016 से लेकर अप्रैल 2018 तक यूएई के एजेंट के तौर पर काम करने और साजिश रचने का भी आरोप लगाया गया है। उनके उपर न्याय में बाधा डालने और संघीय कानून प्रवर्तन एजेंटों को झूठे बयान देने का भी आरोप लगाया गया है।

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बैरक के साथ दो और लोगों पर आरोप लगाया गया है, जिसमे एक मैथ्यू ग्रिम्स जो एस्पेन, कोलोराडो से हैं, तो वहीं दूसरा आरोपी यूएई नागरिक राशिद सुल्तान राशिद अल मलिक अलशाही है। आरोपों के अनुसार, बैरक प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से संयुक्त अरब अमीरात के लोगों के संपर्क में था। बैरक के पास यूएई के वरिष्ठ अधिकारियों से बात करने के लिए एक दूसरा फोन भी था। सीएनएन की रिपोर्ट के अनुसार बैरक ने अलशाही को ईमेल भी किए है।

बैरक और ग्रिम्स को लॉस एंजिल्स की अदालत में पेश किया गया, जहां अमेरिकी मजिस्ट्रेट न्यायाधीश पेट्रीसिया डोनह्यू ने दोनों को हिरासत में लेने का आदेश दे दिया। तो वहीं मलिक अलशाही फरार है अधिकारियों के मुताबिक वह पश्चिम एशिया में कहीं रह रहे हैं।

2016 के चुनाव में ट्रम्प के जीतने के बाद, बैरक कथित तौर पर यूएई के अधिकारियों के निर्देश पर यूएई के हितों को आगे बढ़ाते रहने का काम कर रहे थे। दिसंबर 2016 में बैरक, ग्रिम्स और अलशाही संयुक्त अरब अमीरात के वरिष्ठ सरकारी अधिकारियों से मिले थे। बैरक ने उन्हें अमेरिकी विदेश नीति द्वारा दी जाने वाली सहायता के लिए एक सुची बनाने जिसमे 100 दिन, 6 महीन, 1 साल और 4 साल तक दी जाने वाली मदद को शामिल करने के लिए कहा था। 


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