भारत से डरे पाकिस्तान ने आतंकवाद को बनाया औजार: पूर्व सीआइए निदेशक
पूर्व सीआईए निदेशक माइकल मोरेल ने कहा कि पाकिस्तान भारत को अपने अस्तित्व के लिए खतरा मानता है आतंकियों का उपयोग औजार के रूप में करता है।
वाशिंगटन, प्रेट्र। अमेरिकी खुफिया एजेंसी सीआइए के कार्यकारी निदेशक रहे माइकल मोरेल ने आतंकवाद को लेकर पाकिस्तान का चेहरा बेनकाब किया है। उन्होंने कहा कि भारत को अपने अस्तित्व के लिए खतरा मानने वाले पाकिस्तान ने कई आतंकी संगठनों को खड़ा कर रखा है। वह इनका इस्तेमाल भारत के खिलाफ लड़ाई में हथियार के तौर पर करता है।
मोरेल ने कर्ट कैंपबेल और रिचर्ड वर्मा के साथ गुरुवार को एक चर्चा में कहा कि पाकिस्तान दुनिया के सबसे खतरनाक देशों में है। कैंपबेल पूर्वी एशियाई मामलों के सहायक विदेश मंत्री रह चुके हैं। जबकि वर्मा भारत में अमेरिकी राजदूत के तौर पर अपनी सेवाएं दे चुके हैं।
मोरेल ने कहा, 'उन्हें इस बात का अहसास नहीं है कि आतंकी संगठनों को काबू में रखना असंभव है और वे अंतत: आप पर ही वार करेंगे। पाकिस्तानी हुक्मरान भारत के खिलाफ आतंकवाद का इस्तेमाल हथियार के तौर पर करते हैं। अफगानिस्तान में भी ऐसा ही किया जाता है क्योंकि उन्हें अफगानिस्तान में भारत के प्रभाव का डर है। इसलिए उन्होंने भारत के खिलाफ लड़ने के लिए आतंकी संगठनों को खड़ा किया है।'
पाकिस्तान पर ध्यान नहीं देता भारत
मोरेल ने कहा, 'वे अब भी भारत को पाकिस्तान के अस्तित्व के लिए खतरे के तौर पर देखते हैं। जबकि भारत ने पाकिस्तान पर ध्यान देना बहुत पहले ही छोड़ दिया है। वह अपने आर्थिक भविष्य पर ध्यान दे रहा है।'
पाकिस्तान में हो सकती है क्रांति
मोरेल ने कहा कि इस दक्षिण एशियाई देश की आबादी तेजी से बढ़ रही है। अर्थव्यवस्था कमजोर है। वह नौकरियां मुहैया नहीं करा सकता जिसकी युवाओं को जरूरत है। वे मजदूरी करने के लिए विवश हैं। शिक्षा प्रणाली भी ध्वस्त है। मेरा मानना है कि सामाजिक दृष्टिकोण से आतंकवाद बढ़ रहा है। यह सेना के अंदर भी बढ़ रहा है। इसलिए संभव है कि अगले पांच-दस सालों में अरब जैसी क्रांति पाकिस्तान की सड़कों पर भी देखने को मिल सकती है। इस क्रांति का अंत कट्टरपंथी सरकार के साथ हो सकता है जिसके पास परमाणु हथियार भी होंगे। यह कितनी भयावह स्थिति होगी।
कौन हैं मोरेल
वर्ष 2011 में पाकिस्तान के एबटाबाद में छुपकर रह रहे अलकायदा सरगना ओसामा बिन लादेन को मार गिराने के अभियान में मोरेल ने भी अहम भूमिका निभाई थी। वह 2012-13 में सेंट्रल इंटेलीजेंस एजेंसी (सीआइए) के कार्यकारी निदेशक रहे। एजेंसी का डिप्टी निदेशक रहते वह कई बार पाकिस्तान गए थे।
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