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भारत में अमेरिकी राजनयिक के लिए एरिक एम गार्सेटी नामित, फारेन रिलेशंस कमिटी आज करेगी वोटिंग

एरिक एम गार्सेटी को भारत में बतौर अमेरिकी राजनयिक चुना गया है इसपर आज अमेरिकी सीनेट में फारेन रिलेशंस कमिटी अपना वोट डालेगी। राष्ट्रपति जो बाइडन ने एरिक गार्सेटी को इस पद के लिए नामित किया है ।

By Monika MinalEdited By: Published: Wed, 12 Jan 2022 06:50 AM (IST)Updated: Wed, 12 Jan 2022 06:54 AM (IST)
भारत में अमेरिकी राजनयिक के लिए एरिक एम गार्सेटी नामित, फारेन रिलेशंस कमिटी आज करेगी  वोटिंग
भारत में अमेरिकी राजनयिक के लिए एरिक एम गार्सेटी नामित

 वाशिंगटन, एएनआइ। लास एंजलिस के मेयर एरिक गार्सेटी को भारत में अमेरिकी राजनयिक पद के लिए नामित किया गया है। स्थानीय समयानुसार 12 जनवरी, सुबह 9 बजे फारेन रिलेशंंस कमिटी इनके नाम पर वोटिंग करेगी। गार्सेटी के नाम का प्रस्ताव अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन (Joe Biden) ने शुक्रवार को दिया। अमेरिकी संसद के उच्च सदन सीनेट से मंजूरी मिलने के बाद 50 वर्षीय गार्सेटी मौजूदा राजदूत केनथ जस्टर का स्थान लेंगे।

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एरिक ने ट्वीट कर कहा, ‘आज राष्ट्रपति ने मुझे भारत में अमेरिकी राजदूत के रूप में काम करने के लिए नामित किया। मैं इस नामांकन को स्वीकार करते हुए बेहद सम्मानित महसूस कर रहा हूं।’ 

पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के शासन काल केनथ को भारत में अमेरिका का राजदूत नियुक्त किया गया था।  व्हाइट हाउस ने कई अन्य राजदूतों के साथ उनके नामांकन की घोषणा करते हुए कहा कि एरिक एम गार्सेटी 2013 से लास एंजलिस के मेयर रहे हैं और उनके पास शानदार अनुभव हैै। 

लास एंजलिस मेट्रो की जिम्मेदारी भी एरिक ही संभाल रहे हैं।  साथ ही वे सी40 नामक संगठन को भी देखते हैं  जिसमें दुनिया के 97 सबसे बड़े शहर शामिल हैं।  ये जलवायु से संबंधित मामलों पर काम करता है। एरिक ने 12 साल यूएस नेवी रिजर्व कंपोनेंट में नौकरी की थी। उन्होंने दक्षिण पूर्व एशिया और उत्तर पूर्व अफ्रीका में मानवाधिकार से संबंधित मुद्दों पर भी काम किया है। 

इससे अलावा राष्ट्रपति जो बाइडन ने पेंसिलवेनिया यूनिवर्सिटी की अध्यक्ष एमी गुटमैन को जर्मनी के लिए अमेरिका के राजदूत के तौर पर नामित किया। साल 2004 से फिलाडेल्फिया में गुटमैन आइवी लीग विश्वविद्यालय के अध्यक्ष के रूप में कार्य कर रही हैं, जहां बाइडन ने उपराष्ट्रपति पद पर रहने के बाद एक विदेश नीति केंद्र की स्थापना की थी। वह सात देशों के समूह के लिए नामित अमेरिका की पहली राजदूत होंगी।


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