100 से अधिक मिसाइल और 3 ठिकाने, जानिए कहां-कैसे और क्यों अमेरिका ने सीरिया पर किया हमला
सीरिया पर अमेरिका के सैन्य हमले से तिलमिलाया रूस। सीरिया के तीन ठिकानों को निशाने बनाने के लिए 100 से अधिक मिसाइल दागी गईं।
वॉशिंगटन (एजेंसी)। सीरिया के पूर्वी गोता के डौमा में हुए रासायनिक हमले का अमेरिका ने बदला लिया है। अमेरिका ने अपने सहयोगी फ्रांस और ब्रिटेन के साथ मिलकर सीरिया पर सैन्य कार्रवाई की है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप पहले ही डौमा हमले को लेकर असद सरकार को चेतावनी दे चुके थे। जिसके बाद ट्रंप ने एक्शन लेते हुए सीरिया पर हवाई हमलों का आदेश दिया। अमेरिका की इस सैन्य कार्रवाई में ब्रिटेन और फ्रांस ने उसका सहयोग किया है। इस बीच सीरिया के राष्ट्रपति बशर अल-असद के मित्र रूस ने जवाबी हमले की चेतावनी दी है। इस हमले के बाद अमेरिका और रूस के बीच तनातनी बढ़ गई है।
हमले का उद्देश्य क्या?
राष्ट्रपति ट्रंप के मुताबिक, सीरिया पर सैन्य हमले का उद्देश्य रासायनिक हथियारों के उत्पादन, प्रसार और उपयोग के खिलाफ मजबूत और सख्त निवारक स्थापित करना है। फ्रांसीसी राष्ट्रपति के कार्यालय की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि वह सीरिया पर अमेरिकी हमले का हिस्सा था क्योंकि हम रासायनिक हथियारों के आवर्ती उपयोग को बर्दाश्त नहीं कर सकते, जो सीरियाइ लोगों और हमारी सामूहिक सुरक्षा के लिए तत्काल खतरा है। फ्रांसीसी राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने कहा, '7 अप्रैल को डौमा में हुए रासायनिक हमले में दर्जनों पुरुष, महिलाओं और बच्चों का नरसंहार हुआ। यह अंतरराष्ट्रीय नियमों का उल्लंघन है। मई 2017 में फ्रांस द्वारा स्थापित लाल रेखा को पार किया गया है।'
कितनी मिसाइलें दागी गईं?
अमेरिका और उसके सहयोगियों ने सीरियाइ सेना और 'केमिकल रिसर्च सेंटर' को निशाना बनाया। पेंटागन के एक अधिकारी के मुताबिक, सीरिया के ऊपर 100 से अधिक मिसाइलें दागी गईं। अमेरिकी रक्षा सचिव जेम्स मैटीज और मरीन जनरल जोसेफ डनफोर्ड ने कहा कि रासायनिक हथियारों पर मिसाइल हमला दोनों समुद्र और विमान (हवाई हमला) से किया गया।
किस प्रकार की मिसाइलों को दागा गया?
अमेरिका के अधिकारियों ने बताया, 'अमेरिका ने सीरिया पर हमले में टॉमहॉक क्रूज मिसाइल मिसाइल का इस्तेमाल किया। पिछले साल सीरिया पर हवाई हमले में भी अमेरिका ने इसी मिसाइल का इस्तेमाल किया था। अजरबैजान में सुरक्षा और सैन्य विशेषज्ञ फुआद शाहबजोव ने कहा, 'सूत्रों के मुताबिक, अमेरिका ने भूमध्य और लाल सागर में क्रूज मिसाइलों के साथ कई वाहक तैनात किए हैं। बता दें कि टॉमहॉक क्रूज मिसाइल अमेरिकी अस्त्रागार के उन नायाब हथियारों में शामिल है जिनके बल पर अमेरीका आज भी विश्व में महाशक्ति बना हुआ है। टॉमहॉक मिसाइल को दो हजार किलो मीटर दूर से छोड़ा जा सकता है और दुश्मन को भारी नुकसान पहुंचाया जा सकता है। यह मिसाइल कम ऊंचाइ पर चलती है इसलिए इसकी मौजूदगी को रडार और एयर डिफेंस सिस्टम भी नहीं भाप पाते हैं। टॉमहॉक मिसाइल 20 फीट से भी ज्यादा लंबी होती है और इसमें ग्लोबल पोजीशनिंग सिस्टम (जीपीएस) लगा होता इसके चलते इसे बीच रास्ते में मोड़ा जा सकता है।
लक्ष्य क्या थे?
अमेरिका के शीर्ष अधिकारी ने बताया कि सीरिया में तीन ठिकानों पर हमला किया गया। दमिश्क का रिसर्च सेंटर जहां केमिकल बायलोजिकल हथियार बनाए जाते हैं। होम्स के पश्चिम में स्थित केमिकल हथियार का स्टोरेज सेंटर और होम्स के पास एक कमांड पोस्ट जहां हथियारों का जखीरा भी है। इन तीन जगहों को निशाना बनाकर हवाई हमला किया गया।
रूस की प्रतिक्रिया क्या है?
सीरिया पर अमेरिका की सैन्य कार्रवाई से रूस तिलमिला गया है। रूस ने अमेरिका को चेतावनी देते हुए कहा कि इसका परिणाम भुगतना होगा। रूस ने कहा कि वे देश के राष्ट्रपति पुतिन का अपमान बर्दाश्त नहीं करेंगे। अमेरिका में रूस के राजदूत एनाटोली एंटोनोव ने ट्वीट कर कहा, 'हमें धमकी दी जा रही है हमने चेतावनी दी थी कि ऐसी कार्रवाइयों का परिणाम भुगतना होगा। रूस के राष्ट्रपति का अपमान अस्वीकार्य है। रासायनिक हथियारों के सबसे बड़े शस्त्रागार अमेरिका का अन्य देशों को दोष देने का कोई नैतिक अधिकार नहीं है। '