Move to Jagran APP

जानिए किस नीति के तहत अमेरिका की शेरिडान जेल में फंसे रहे ये पांच सिख

अमेरिकी मीडिया के अनुसार, इस साल मई से 124 अवैध आप्रवासियों को ओरेगन के हिरासत केंद्र में रखा गया है, इनमें 52 भारतीय और पांच सिख हैं।

By Ravindra Pratap SingEdited By: Published: Thu, 23 Aug 2018 07:00 PM (IST)Updated: Thu, 23 Aug 2018 07:03 PM (IST)
जानिए किस नीति के तहत अमेरिका की शेरिडान जेल में फंसे रहे ये पांच सिख
जानिए किस नीति के तहत अमेरिका की शेरिडान जेल में फंसे रहे ये पांच सिख

वाशिंगटन, प्रेट्र। अमेरिका में ट्रंप प्रशासन की विवादित आव्रजन नीति के फेर में फंसे 100 से ज्यादा लोगों में से पांच सिखों समेत आठ लोगों को रिहा कर दिया गया है। ये लोग शरण पाने के इरादे से अवैध रूप से अमेरिका में दाखिल हुए थे। उन्हें पिछले तीन माह से ओरेगन प्रांत की शेरिडान जेल में रखा गया था। उनके वकीलों ने कहा है कि आने वाले दिनों में कुछ और बंदियों की रिहाई हो सकती है।

loksabha election banner

अमेरिकी मीडिया के अनुसार, इस साल मई से 124 अवैध आप्रवासियों को ओरेगन के हिरासत केंद्र में रखा गया है। इनमें 52 भारतीय हैं, जिनमें ज्यादातर सिख हैं। इनमें से पांच तीन माह बाद पहली बार सार्वजनिक रूप से दिखाई पड़े। स्थानीय न्यूज चैनल ओरेगन लाइव में करणदीप सिंह (24) को कहते दिखाया गया, 'शुरू में मुझे कोई उम्मीद नहीं थी। अब यह सपने जैसा लग रहा है। मैं बहुत खुश हूं। उन सभी लोगों का शुक्रिया जिन्होंने हमारी मदद की।'

जेल से बाहर आने वाले लवप्रीत सिंह (22) ने कहा, 'हम बहुत हताश हो गए थे। हमें अपनी सेल से बाहर तक निकलने नहीं दिया जाता था।' इन बंदियों को कानूनी मदद मुहैया करा रही फर्म इनोवेशन लॉ लैब की निदेशक विक्टोरिया बेजरानो-मुरहेड ने बताया कि शरण मांगने वाले आठ लोगों को 1,500 से 5,000 डॉलर के बांड पर रिहा किया गया है।

विरोध पर ट्रंप को पलटनी पड़ी नीति
ट्रंप प्रशासन ने अवैध रूप से सीमा पार करने वालों पर अंकुश लगाने के लिए आव्रजन नियमों में बदलाव किया था। इस नई आव्रजन नीति के कारण इस साल 19 अप्रैल से 31 मई के बीच करीब दो हजार से ज्यादा आप्रवासी बच्चों को उनके माता-पिता से अलग कर दिया गया था। भारी विरोध होने पर ट्रंप ने बाद में इस विवादित नीति को पलट दिया था।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.