Move to Jagran APP

अमेरिका में मेगा हैकिंग मामले में आरोपित किए गए पांच चीनी, भारत समेत कई देशों को बनाया था निशाना

बड़े पैमाने पर अंजाम दिए गए हैकिंग के एक मामले में अमेरिका ने बड़ी कार्रवाई की है। अमेरिका ने मामले में पांच चीनी नागरिकों को आरोपित किया है।

By Krishna Bihari SinghEdited By: Published: Thu, 17 Sep 2020 05:54 PM (IST)Updated: Thu, 17 Sep 2020 05:54 PM (IST)
अमेरिका में मेगा हैकिंग मामले में आरोपित किए गए पांच चीनी, भारत समेत कई देशों को बनाया था निशाना
अमेरिका में मेगा हैकिंग मामले में आरोपित किए गए पांच चीनी, भारत समेत कई देशों को बनाया था निशाना

वाशिंगटन, पीटीआइ। अमेरिका के न्याय विभाग ने बड़े पैमाने पर अंजाम दिए गए हैकिंग के एक मामले में पांच चीनी नागरिकों को आरोपित किया है। इन पर अमेरिका और भारतीय सरकार के नेटवर्क समेत दूसरे कई देशों की 100 से ज्यादा कंपनियों और संस्थानों से साफ्टवेयर डाटा और कारोबार संबंधी गोपनीय जानकारियां चुराने के आरोप लगाए गए हैं। अमेरिका के डिप्टी अटार्नी जनरल जेफरी रोसेन ने बुधवार को तीन अभियोगों का एलान किया।

prime article banner

इनमें पांच चीनी नागरिकों पर सामूहिक तौर पर कंप्यूटर हैकिंग को अंजाम देने का आरोप लगाया गया है। मलेशिया के दो नागरिकों पर उनकी मदद करने का भी आरोप लगाया गया है। न्याय विभाग के बयान के अनुसार, मलेशियाई नागरिकों को रविवार को गिरफ्तार कर लिया गया। जबकि चीनी नागरिकों को भगोड़ा घोषित किया गया है। रोजेन ने चीन पर निशाना साधते हुए कहा कि चीन की कम्युनिस्ट पार्टी दूसरे देशों में हैकिंग को बढ़ावा देकर अपने लिए फायदेमंद जानकारियां चुरा रही है।

अभियोग के अनुसार, वर्ष 2019 में साजिशकर्ता भारत सरकार की वेबसाइटों के साथ ही वर्चुअल प्राइवेट नेटवर्क और सरकार समर्थित डाटाबेस सर्वर्स में सेंध लगाने में सफल हुए थे। कंप्यूटरों में सेंध लगने से अमेरिका और विदेश की 100 से ज्यादा कंपनियां प्रभावित हुई थीं। बड़े पैमाने पर किए गए इस साइबर हमले में कई विदेशी सरकारों, विश्वविद्यालयों और थिंक टैंक के साथ ही हांगकांग के लोकतंत्र समर्थक नेताओं व कार्यकर्ताओं को भी निशाना बनाया गया था।

चीनी हैकरों ने वियतनाम और ब्रिटिश सरकार के कंप्यूटर नेटवर्क को भी निशाना बनाया था। भारत में भी चीनी फर्म झेनहुआ डाटा द्वारा राजनेताओं समेत कई नागरिकों की जासूसी की रिपोर्टें सामने आई हैं। भारत सरकार ने मामले में जांच के लिए नेशनल साइबर सिक्योरिटी को-ऑर्डिनेटर की अध्यक्षता में विशेषज्ञ समिति गठित की है। विदेश मंत्रालय ने इस मुद्दे को चीनी राजदूत के समक्ष भी उठाया था।

चीन का कहना है कि झेनहुआ डाटा निजी फर्म है जो पहले ही अपनी स्थिति स्‍पष्‍ट कर देती है। सूत्रों ने बताया कि विशेषज्ञ समूह जासूसी के दावों की जांच करेगा और यह पता लगाएगा कि इसमें मामले में कानून का उल्लंघन हुआ है या नहीं। समूह को 30 दिन में अपनी रिपोर्ट सौंपनी है। सरकार भारतीय नागरिकों की जानकारी के बिना विदेश से उनके निजी डाटा चुराए जाने की खबरों को लेकर बहुत गंभीर है। 


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.