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भारत-अमेरिका के बीच फिर हो सकती है 2+2 वार्ता, जानिए पहली बैठक को लेकर क्या बोले मैटिस

अमेरिकी रक्षा मंत्री जिम मैटिस ने भारत और अमेरिका के बीच हुई टू प्लस टू वार्ता को बेहद सफल बताया है।

By Nancy BajpaiEdited By: Published: Wed, 12 Sep 2018 12:12 PM (IST)Updated: Wed, 12 Sep 2018 02:12 PM (IST)
भारत-अमेरिका के बीच फिर हो सकती है 2+2 वार्ता, जानिए पहली बैठक को लेकर क्या बोले मैटिस
भारत-अमेरिका के बीच फिर हो सकती है 2+2 वार्ता, जानिए पहली बैठक को लेकर क्या बोले मैटिस

वाशिंगटन (पीटीआइ)। अमेरिकी रक्षा मंत्री जिम मैटिस ने भारत और अमेरिका के बीच हुई 'टू प्लस टू' वार्ता को बेहद सफल बताया है। उन्होंने कहा ये सफल वार्ता दोनों देशों के बीच ऐतिहासिक बदलाव को दर्शाती है और यह भी बताती है कि दोनों देशों के बीच रक्षा सहयोग सही रास्ते पर है। मैटिस ने मंगलवार को पेंटागन में संवाददताओं को बताया, ' पिछले हफ्ते मैं भारत गया था जिसे विश्व के दो सबसे बड़े लोकतंत्रों के बीच बेहद सफल विचार-विमर्श माना जा सकता है। सुरक्षा के लिहाज से हमें करीब लाने वाले कई व्यावहारिक कदमों पर आगे बढ़ने के रास्ते खोलने में हमें वहां कोई परेशानी नहीं आई।'

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सुखद और ऐतिहासिक यात्रा

मैटिस ने इस यात्रा को सुखद और ऐतिहासिक बताते हुए कहा कि हम इतने वर्षों से कहां पर थे और अब हम एकसाथ कितने करीब आते जा रहे हैं। मैटिस ने विशेष रूप से कॉमकासा समझौते (संचार अनुकूलता और रक्षा समझौता) की ओर इशारा करते हुए कहा कि इस समझौते ने रक्षा सहयोग के लिहाज से बहुत से दरवाजे खोल दिए हैं।

दोबारा भी हो सकती है वार्ता!

मैटिस ने कहा, 'मुमकिन है कि हम टू प्लस टू वार्ता की ओर दोबारा मुड़कर देखेंगे, यहां विदेश मंत्री पोम्पिओ ने वरिष्ठ राजनयिर के तौर पर दोनों का नेतृत्व किया।' उन्होंने कहा कि यह संभवत: भारत और अमेरिका के बीच ऐतिहासिक बदलाव का क्षण था और हम समझचे हैं कि रक्षा सहयो के लिहाज से यह बिलकुल सही रास्ते पर है।' बाद में अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने भी मैटिस के विचारों को दोहराया।

उधर, विदेश मंत्रालय के एक प्रवक्ता ने कहा, 'पिछले हफ्ते हुई 'टू प्लस टू वार्ता भारत-अमेरिका के संबंधों में एक ऐतिहासिक मील का पत्थर साबित हुई। यह अमेरिका व भारत के बीच गहराती रणनीतिक साझेदारी और क्षेत्र में असल सुरक्षा प्रदाता तथा वैश्विक शक्ति के तौर पर भारत के उभरने का संकेत थी।' प्रवक्ता ने कहा कि दोनों देश एक निष्पक्ष और पारस्परिक तरीके से अपने व्यापार संबंधों को बढ़ाना चाहते हैं, दोनों पक्षों ने स्वीकार किया कि निष्पक्ष और पारस्परिक व्यापार का विस्तार उनके साझा हितों में था और यह दोनों की समृद्धि में योगदान देगा।' उन्होंने कहा कि दोनों पक्ष अपने नेताओं के 2017 में दिए संयुक्त बयान के तहत व्यापार और आर्थिक साझेदारी को आगे बढ़ाने और संतुलित करने के लिए वचनबद्ध हैं, जिसमें व्यापार की सुविधा, बाजार पहुंच में सुधार और दोनों पक्षों के हितों के मुद्दों को ख्याल रखना शामिल है।

6 सितंबर को दिल्ली में हुई थी वार्ता 

बता दें कि छह सितंबर को नई दिल्ली में विदेश मंत्री सुषमा स्वराज और रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण की मैटिस और अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ के साथ महत्वपूर्ण टू प्लस टू वार्ता हुई थी।


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