अमेरिका में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने लखीमपुर खीरी में हुई हिंसा को निंदनीय बताया, जानें क्या कहा
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को लखीमपुर खीरी की हिंसा को पूरी तरह निंदनीय बताते हुए कहा कि इस तरह की घटनाएं देश के अन्य हिस्सों में भी हो रही है। उन्हें तभी उठाया जाना चाहिए जब वे होती हैं तब नहीं जब वे अपने अनुकूल होती हैं....
बोस्टन, पीटीआइ। लखीमपुर खीरी की हिंसा को पूरी तरह निंदनीय बताते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को कहा कि इस तरह की घटनाएं देश के अन्य हिस्सों में भी हो रही है। उन्हें तभी उठाया जाना चाहिए जब वे होती हैं, तब नहीं जब वे अपने अनुकूल होती हैं क्योंकि उत्तर प्रदेश में भाजपा की सरकार है। साथ ही उन्होंने कहा कि इस मुद्दे पर भाजपा रक्षात्मक नहीं है। हार्वर्ड केनेडी स्कूल में चर्चा के दौरान एक सवाल के जवाब में वित्त मंत्री ने यह बात कही।
उनसे पूछा गया था कि इस बारे में प्रधानमंत्री व वरिष्ठ मंत्रियों की ओर से कोई बयान क्यों नहीं आया और जब कोई इन चीजों के बारे में सवाल करता है तो रक्षात्मक प्रतिक्रिया क्यों होती है। इस पर सीतारमण ने कहा कि नहीं, ऐसा बिल्कुल नहीं है। अच्छा है कि आपने इस घटना को उठाया जो बिल्कुल निंदनीय है, हम सभी यही कहते हैं। इसी तरह की घटनाएं अन्य जगहों पर भी हो रही हैं, जो मेरी चिंता है। भारत में इस तरह के मुद्दे कई हिस्सों में हो रहे हैं। मैं चाहती हूं कि आप और डा. अमर्त्य सेन समेत भारत को जानने वाले सभी लोग इन्हें उठाएं जब भी ये हों, सिर्फ तब नहीं जब ये अपने अनुकूल हों क्योंकि राज्य में भाजपा की सरकार है।
सीतारमण ने कहा कि मेरे एक कैबिनेट सहयोगी का पुत्र शायद मुश्किल में है और यह मान भी लें कि जो कुछ हुआ उन्होंने ही किया, किसी और ने नहीं। तो भी न्याय के तहत इसे स्थापित करने के लिए जांच की पूरी प्रक्रिया होगी। उन्होंने आगे कहा, 'यह मेरी पार्टी या प्रधानमंत्री के लिए रक्षात्मक होना नहीं है। यह भारत के बारे में रक्षात्मक होना है। मैं भारत के लिए बात करूंगी। मैं गरीब के लिए न्याय की बात करूंगी।
अमर्त्य सेन पर साधा निशाना
भाजपा सरकार के बारे में नोबेल पुरस्कार विजेता अर्थशास्त्री अमर्त्य सेन की सख्त प्रतिक्रिया के बारे में हार्वर्ड के प्रोफेसर लारेंस समर्स के सवाल पर सीतारमण ने कहा कि यह चिंताजनक है कि अब विद्वानों को भी प्रभावित किया जा सकता है और तथ्यों के आधार पर टिप्पणी करने के बजाय वे अपनी पसंद और नापसंद के गुलाम बन जाते हैं। वित्त मंत्री ने कहा कि कानून एवं व्यवस्था राज्यों का विषय है और जिन राज्यों में भाजपा की सरकार नहीं है, उन राज्यों में हिंसा के लिए भी प्रधानमंत्री को जवाबदेह ठहराया जाता है क्योंकि यह उन्हें अनुकूल लगता है।