अब अमेरिका ने भी कोरोना मरीजों के इलाज में क्लोरोक्वीन के इस्तेमाल पर लगाई रोक
ब्रिटेन के बाद अब अमेरिका में भी कोरोना महामारी के इलाज में क्लोरोक्वीन और हाइड्रोक्सी क्लोरोक्वीन के इस्तेमाल पर रोक लगा दी है। जानें क्या बताई इसके पीछे की वजह...
वाशिंगटन, पीटीआइ। अमेरिका में फूड एंड ड्रग रेग्यूलेटरी (US food and drug regulatory) ने कोविड-19 महामारी के इलाज में क्लोरोक्वीन और हाइड्रोक्सी क्लोरोक्वीन के इस्तेमाल पर रोक लगा दी है। पहले इन दोनों भारतीय दवाओं के इस्तेमाल की आपात अनुमति दी गई थी। इसी के बाद राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के अनुरोध पर भारत ने दोनों दवाओं की बड़ी खेप अमेरिका भेजी थी। राष्ट्रपति ट्रंप ने खुद भी कोरोना से बचाव के लिए हाइड्रोक्सी क्लोरोक्वीन दवा लेने की बात कही थी।
अमेरिकी रेग्यूलेटरी फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (Food and Drug Administration, FDA) ने कहा है कि उसका फैसला नई सूचनाओं और क्लीनिकल ट्रायल के परिणामों पर आधारित है। वह इस निष्कर्ष पहुंचा है कि दोनों दवाएं कोविड-19 के इलाज में प्रभावी नहीं हैं। यह महामारी के खतरे को भी कम करने में सहायक नहीं है। एफडीए के मुख्य वैज्ञानिक डेनिस हिंटन ने पत्र जारी कर दोनों दवाओं के इस्तेमाल का अधिकार वापस लेने की घोषणा की है।
इससे पहले 28 मार्च को एफडीए ने दोनों दवाओं के आपात इस्तेमाल की अनुमति दी थी। इस अनुमति के चलते कोरोना संक्रमितों को क्लोरोक्वीन फॉस्फेट और हाइड्रोक्सी क्लोरोक्वीन सल्फेट दी जाने लगी थी। हालांकि बीते दिनों अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा था कि कोरोना मरीजों पर यह दवा असरदार है और यह गेमचेंजर साबित हो सकती है। इससे पहले ब्रिटेन ने कोरोना संक्रमण के मरीजों पर हाइड्रोक्सी क्लोरोक्विन (एचसीक्यू) के प्रभाव को लेकर जारी परीक्षण को रोक दिया था।
ब्रिटेन में परीक्षण का नेतृत्व करने वालों में से एक ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर मार्टिन लैंडरे ने कहा था कि हमने कोविड-19 के मरीजों पर हाइड्रोक्सी क्लोरोक्विन के परीक्षण के आंकड़ों का अध्ययन किया जिसमें लाभदायक प्रभाव का कोई प्रमाण नहीं मिला। यह दवा कोरोना मरीजों पर असरदार नहीं है। हालांकि भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आइसीएमआर) का कहना है कि कोरोना संक्रमितों के इलाज में हाइड्रोक्सी क्लोरोक्विन असरदार है।