US खुफिया एजेंसियों ने किया सतर्क, अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में रूस फिर कर सकता है बड़ा दखल
खुफिया एजेंसियों का बयान इसलिए अहम है क्यों कि 2016 के राष्ट्रपति चुनाव में रूसी दखल का आरोप लग चुका है।
वाशिंगटन, एजेंसी। अमेरिका की खुफिया एजेंसियों ने आगाह किया है कि रूस एक बार फिर 2020 में होने वाले अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में दखल दे सकता है। खुफिया एजेंसियों का बयान इसलिए अहम है क्यों कि 2016 के राष्ट्रपति चुनाव में रूसी दखल का आरोप लग चुका है। इतना ही नहींं इस जांच के घेरे में खुद अमेरिका के मौजूदा राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप हैं। ज्ञापन इस बात को रेखांकित करता है कि यह कोरोना वायास के प्रकोप के पहले ही तैयार किया गया था। हालांकि, इस ज्ञापन में इस बात का उल्लेख नहीं है कि रूस अमेरिकी चुनाव में हस्तक्षेप की कौन सी रणनीति अपनाएगा। वह कैसे राष्ट्रपति चुनाव को कैसे प्रभावति करेगा।
चुनाव की अहम जानकारी को हैक कर सकते हैं रूसी सैन्य हैकर्स
यह आशंका व्यक्त की जा रही है कि रूस अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव की अहम जानकारी को हैक कर सकता है या उसको लीक कर सकता है। जांच एजींसियों को कहना है कि रूस गुप्त रूप से उम्मीदवारों के नाम तय करने की सलाह दे सकता है। इसके साथ वह चुनाव अभियान में कुछ हरकत कर सकता है। यह अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में हस्तक्षेप कर सकता है। हलांकि, होमलैंड सिक्योरिटी विभाग और और एफबीआई के प्रवक्ता ने सोमवार को इस पर कोई तत्काल टिप्पणी से इंकार कर दिया है।
रूस ने रिपब्लिकन पार्टी के उम्मीदवार ट्रंप का समर्थन किया था
वर्ष 2016 के राष्ट्रपति चुनाव में भी रूसी सैन्य हैकर्स पर इस तरह के आरोप लग चुके हैं। अमेरिकी अधिकारियों ने कहा है कि रूस ने रिपब्लिकन पार्टी के उम्मीदवार ट्रंप का समर्थन किया था। रूसी हैकर्स ट्रंप के अभियान में मदद करने और क्लिंटन की उम्मीदवारी को नुकसान पहुंचाने के लिए कदम उठाए थे। ट्रंप पर आरोप लगा था कि उन्होंने राष्ट्रपति चुनाव को प्रभावित करने के लिए रूस की मदद ली थी। ऐसे में एजेंसियों का यह बयान महत्वपूर्ण हो जाता है। खुफिया एजेंसियों के इस बयान के बाद अमेरिका में सियासत तेज हो गई है।