फेसबुक ने किया बदलाव, दुनिया भर के यूजरों को होगी आसानी
फेसबुक एआइ रिसर्च (फेयर) की टीम मशीन ट्रांसलेशन सिस्टम तैयार करने में कामयाब रही है।
By Arun Kumar SinghEdited By: Published: Sun, 02 Sep 2018 11:39 PM (IST)Updated: Mon, 03 Sep 2018 07:39 AM (IST)
सैन फ्रांसिस्को, प्रेट्र। फेसबुक ने आर्टिफिशल इंटेलिजेंस का इस्तेमाल करते हुए विभिन्न भाषाओं के तेज और सटीक अनुवाद का तरीका ईजाद किया है। इसकी मदद से कम बोली जाने वाली भाषाओं का सरल अनुवाद किया जा सकेगा। फोर्ब्स की खबर के मुताबिक इस महत्वूपर्ण खोज को 'इंपीरिकल मैथडस इन नैचुरल लैंग्वेज प्रोसेसिंग (ईएमएनएलपी)' में प्रस्तुत किया जाएगा। फेसबुक के लिए यह खोज महत्वपूर्ण साबित हो सकती है क्योंकि सोशल मीडिया कंपनी दुनिया भर में यूजरों को उनकी पसंदीदा भाषा में पोस्ट पढ़ने में मदद के लिए 'ऑटोमैटिक लैंग्वेज ट्रांसलेशन' का इस्तेमाल करती है।
मशीन ट्रांसलेशन सिस्टम तैयार करने में कामयाब
फेसबुक एआइ रिसर्च (फेयर) की टीम मशीन ट्रांसलेशन सिस्टम तैयार करने में कामयाब रही है। इसमें विकिपीडिया जैसी उपलब्ध वेबसाइटों से विभिन्न भाषाओं में विभिन्न वाक्यों को समेटा गया है। इसमें प्रमुख बात यह देखी गई कि ये वाक्य एक-दूसरे से बिल्कुल अलग हैं।
फेयर के पेरिस रिसर्च लैब के प्रमुख और शोधकर्ता एंटनी बोर्डस ने कहा कि एक समानांतर संग्रह तैयार करना बहुत जटिल काम है, क्योंकि इसके लिए दोनों भाषाओं में पारंगत लोगों की जरूरत होती है।
मसलन, पुर्तगाली/नेपाली का समानांतर संग्रह तैयार करने के लिए इन दोनों भाषाओं में प्रवीण लोगों की जरूरत होती है और यह बेहद कठिन काम है। बोर्डस ने कहा कि हमारे प्रयोग की सबसे खास यह रही कि हमारा ट्रांसलेशन सिस्टम में सामानांतर वाक्यों की कोई जरूरत नहीं पड़ती है।
मशीन ट्रांसलेशन सिस्टम तैयार करने में कामयाब
फेसबुक एआइ रिसर्च (फेयर) की टीम मशीन ट्रांसलेशन सिस्टम तैयार करने में कामयाब रही है। इसमें विकिपीडिया जैसी उपलब्ध वेबसाइटों से विभिन्न भाषाओं में विभिन्न वाक्यों को समेटा गया है। इसमें प्रमुख बात यह देखी गई कि ये वाक्य एक-दूसरे से बिल्कुल अलग हैं।
फेयर के पेरिस रिसर्च लैब के प्रमुख और शोधकर्ता एंटनी बोर्डस ने कहा कि एक समानांतर संग्रह तैयार करना बहुत जटिल काम है, क्योंकि इसके लिए दोनों भाषाओं में पारंगत लोगों की जरूरत होती है।
मसलन, पुर्तगाली/नेपाली का समानांतर संग्रह तैयार करने के लिए इन दोनों भाषाओं में प्रवीण लोगों की जरूरत होती है और यह बेहद कठिन काम है। बोर्डस ने कहा कि हमारे प्रयोग की सबसे खास यह रही कि हमारा ट्रांसलेशन सिस्टम में सामानांतर वाक्यों की कोई जरूरत नहीं पड़ती है।
Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें