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एफ-16 के साथ दुनिया के बड़े फाइटर एयरक्राफ्ट के नेटवर्क में शामिल हुआ भारत

एफ-16 के साथ भारतीय उद्योग को विश्व के सबसे बड़े लड़ाकू विमान नेटवर्क से जुड़ने का मौका मिलेगा।

By Monika MinalEdited By: Published: Mon, 19 Mar 2018 11:02 AM (IST)Updated: Mon, 19 Mar 2018 11:27 AM (IST)
एफ-16 के साथ दुनिया के बड़े फाइटर एयरक्राफ्ट के नेटवर्क में शामिल हुआ भारत
एफ-16 के साथ दुनिया के बड़े फाइटर एयरक्राफ्ट के नेटवर्क में शामिल हुआ भारत

वाशिंगटन (प्रेट्र)। दुनिया के सबसे बड़े फाइटर एयरक्राफ्ट के समूह में अब भारत भी अपने एफ-16 जेट के साथ शामिल हो गया। अमेरिकी डिफेंस कंपनी के अनुसार, यह एकमात्र कार्यक्रम है जो मेक इन इंडिया प्राथमिकताओं के आधार पर बना है और यह अपनी क्षमता में भी कुशल है। भारत अपने एयरफोर्स में नये फाइटर जेट को शामिल करने के लिए इच्‍छुक है और इस क्रम में दुनिया की सबसे बड़ी डिफेंस कंपनी लॉकहीड ने भारत को यह मौका दिया और भारत के टाटा अडवांस्ड सिस्टम्स के करार किया है।

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लॉकहीड मार्टिन के स्‍ट्रैटजी एंड बिजनेस डेवलपमेंट के वाइस प्रेसिडेंट विवेक लाल ने कहा, ‘हम अंतरराष्‍ट्रीय फाइटर एयरक्राफ्ट मैन्‍युफैक्‍च्‍रिंग की डिक्‍शनरी में दो नए शब्‍द: भारत और एक्‍सक्‍लूसिव डालने की योजना बना रहे हैं।‘ लाल ने आगे कहा, F-16 से भारत को दुनिया के सबसे बड़े फाइटर एयरक्राफ्ट इकोसिस्‍टम के केंद्र में आने का अनोखा मौका मिला है।‘

उन्होंने कहा, ‘भारत को ध्यान में रखकर भारत में लड़ाकू विमान का उत्पादन विशिष्ट होगा, कुछ ऐसा जो अभी तक किसी भी लड़ाकू विमान निर्माता ने प्रस्तुत नहीं किया होगा।’ उनके अनुसार, भारत केंद्रित लड़ाकू विमान के कार्यक्रम का आकार तथा इसकी संभावना व सफलता भारतीय उद्योग को अप्रत्याशित विनिर्माण का फायदा उठाने का मौका देगा। लाल ने कहा, ‘हम एसेंबली लाइन से कहीं अधिक बनाने को इच्छुक हैं।’ लाल ने दावा किया कि चौथी पीढ़ी का लड़ाकू विमान बनाने वाली कोई भी कंपनी लॉकहीड के युद्धक अनुभव तथा परिचालन दक्षता के आस-पास नहीं है।

उन्होंने कहा, ‘भारत को जिस लड़ाकू विमान की पेशकश की जा रही है वह सर्वश्रेष्ठ लड़ाकू विमान है।’ उन्होंने कहा कि एफ-16 के तीनों संस्करण एक इंजन वाले हैं। लाल ने कहा कि भारत केंद्रित प्रस्तावित परियोजना में इस्तेमाल की जाने वाली अधिकांश प्रणालियां एफ-22 और एफ-35 से सीखी गयी बातों पर आधारित होंगी। हालांकि लाल ने एफ-35 पर बयान देने से इंकार कर दिया। उल्‍लेखनीय है कि यूएस पैसिफिक कमांड कमांडर एडमिरल हैरी हैरिस ने भारत एफ-35 बेचने का समर्थन किया।

भारत F-16 लड़ाकू विमानों को दुनिया के अन्य देशों को भी निर्यात कर सकता है। दुनिया के 26 देश 3,200 F-16 लड़ाकू विमानों का प्रयोग करते हैं।


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