वैज्ञानिकों ने खलोगीय पिंड की सतह पर पाया मीथेनॉल, बर्फ और ऑर्गेनिक मॉलीक्यूल का अनोखा मिश्रण
एक विशाल पैनकेक की तरह दिखने वाले पिंड को वैज्ञानिकों ने ‘अल्टिमा’ और दूसरा जो किसी अखरोट की तरह दिखता है उसे ‘थुले’ नाम दिया गया है।
वाशिंगटन, प्रेट्र। धरती से सर्वाधिक दूरी पर स्थित खलोगीय पिंड ‘अल्टिमा थुले’ में नासा ने पानी की खोज की है। पिंड की सतह पर मीथेनॉल, बर्फ और कार्बनिक अणुओं का अनोखा मिश्रण पाया है। अमेरिकी स्पेस एजेंसी ने अंतरिक्ष के इस जटिल पिंड के बारे में पहली बार विस्तृत अध्ययन प्रकाशित किया है।
क्या है अल्टिमा थुले
यह ब्रह्मांड का ऐसा खगोलीय पिंड है, जिसे हाल ही में खोजा गया है। यह दो पिंडों से मिलकर बना है। एक विशाल पैनकेक की तरह दिखने वाले पिंड को वैज्ञानिकों ने ‘अल्टिमा’ और दूसरा जो किसी अखरोट की तरह दिखता है उसे ‘थुले’ नाम दिया गया है। न्यू होराइजन यान द्वारा इस वर्ष की शुरुआत में ब्रह्मांड की कुइपर बेल्ट स्थित इस ऑब्जेक्ट का पहली बार डाटा भेजा गया था। वैज्ञानिकों ने आंकड़ों के सिर्फ पहले सेट का विश्लेषण किया है, जिसमें इस पिंड के विकास, भू-विज्ञान और संरचना के बारे में विस्तार से बताया है। इसका आधिकारिक नाम एमयू 69 रखा गया है।
शोधकर्ता अब इस पिंड की सतही विशेषताओं, जैसे चमकीले धब्बे, पहाड़ियां, गर्त, गड्ढे आदि का पता भी लगाने में जुटे हैं। अल्टिमा थुले पर मौजूद सबसे लंबा आठ किलोमीटर का गड्ढा इसकी सबसे बड़ी विशेषता है, जिसे ‘मैरीलैंड क्रेटर’ का नाम दिया है। वैज्ञानिकों का मानना है कि कुइपर बेल्ट स्थित ऑब्जेक्ट पर कुछ गड्ढे, जमीन के भीतर होने वाली उथल-पुल या विशेष आयनों के कारण ठोस गैस का अपनी जगह छोड़ने के कारण बने हो सकते हैं। इसके रंग और संरचना की अगर बात करें तो कूइपर बेल्ट में कई अन्य ऑब्जेक्ट भी हैं जो अल्टिमा थुले जैसे दिखते हैं। इसका लाल रंग इसकी सतह पर मौजूद परिवर्तनशील कार्बनिक अणुओं के कारण है।
जर्नल साइंस में प्रकाशित हुए शोध के मुताबिक, वैज्ञानिकों की टीम ने अल्टिमा थुले की सतह पर मीथेनॉल, बर्फ और कार्बनिक अणुओं के सळ्बूत खोजे हैं। अंतरिक्ष यान द्वारा पहले खोजे गए बर्फीले पिंडों के मुकाबले इनका मिश्रण बहुत अलग है। साउथ वेस्ट रिर्सच इंस्टिट्यूट के बोल्डर कोलोराडो ने कहा कि हम अतीत के संरक्षित अवशेषों का पता लगा रहे हैं। न्यू होराइजंस मिशन के प्रधान अन्वेषक, स्टर्न ने कहा कि इसमें कोई संदेह नहीं है कि अल्टिमा थुले के बारे में की गई खोज सौर प्रणाली के सिद्धांतों को आगे बढ़ाने वाली है। नासा ने कहा कि अल्टिमा थुले दो अलग-अलग आकार के पिंडों के मेल से बना है। असामान्य आकार के बावजूद दो भागों में इसका मिला होना वैज्ञानिकों के लिए भी एक रहस्य है।
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