वैश्विक विकास के मामले में यूरोपीय देश अग्रणी, अमेरिका 23वें स्थान पर
गरीब देशों के लोगों को लाभ पहुंचाने वाली नीतियों के प्रति समर्पण के मामले में अमेरिका दुनिया के 27 सबसे धनी देशों की सूची में बहुत पीछे है।
नई दिल्ली [जागरण स्पेशल]। महाशक्ति कहा जाने वाला अमेरिका बड़ी-बड़ी बातें करने और नीतियां बनाने में भले ही सबसे आगे हो, लेकिन उनके अमल में बहुत पीछे है। वाशिंगटन स्थित सेंटर फॉर ग्लोबल डेवलपमेंट द्वारा जारी की गई विकास के प्रति प्रतिबद्धता सूचकांक नामक वार्षिक रिपोर्ट यही दर्शाती है। इसके मुताबिक गरीब देशों के लोगों को लाभ पहुंचाने वाली नीतियों के प्रति समर्पण के मामले में अमेरिका दुनिया के 27 सबसे धनी देशों की सूची में बहुत पीछे है। वह 23वें स्थान पर है। यह आलम तब है जब यूनेस्को, यूएन समेत तमाम अंतरराष्ट्रीय संगठनों का नेतृत्व इसी के हाथों में है। इस सूची में यूरोपीय देश स्वीडन पहले, डेनमार्क दूसरे और जर्मनी तीसरे स्थान पर काबिज हैं।
यूरोपीय देशों का बजा डंका
इस साल की सूची में टॉप 12 में यूरोपीय देशों ने जगह बनाई है। यह आंकड़ा दर्शाता है कि वैश्विक विकास के मामले में यूरोपीय देश अग्रणी हैं। अमेरिका के नीति-निर्माताओं को नीति निर्धारण के अपने तरीकों का मूल्यांकन करने की जरूरत है। उन्हें तय करना होगा कि वे विकासशील देशों की मदद करना चाहते हैं या नहीं। नए शुल्क लागू करने और पेरिस जल वायु समझौते से निकलने से अमेरिका की छवि और खराब होगी।
अनीता कप्पेली, शोधकर्ता, सेंटर फॉर
ग्लोबल डेवलपमेंट
कम होती अमेरिकी भागीदारी
2017 में अमेरिका ने विकास सहायता के लिए अपनी सकल राष्ट्रीय आय का सिर्फ 0.18 फीसद ही दान किया, जबकि देशों ने अपनी आय का कम से कम 0.7 फीसद देना तय किया था। अमेरिका द्वारा दी गई मदद इस सूची में शामिल सभी देशों की सहायता राशि के औसत से भी कम है। 2016 में अमेरिकी सरकार ने अनुसंधान और विकास के लिए सकल घरेलू उत्पाद का 0.58 फीसद प्रदान किया। यह भी सीडीआइ देशों के लिए औसत से नीचे रहा।