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यूरोपीय संघ पर ऐतिहासिक मंदी का खतरा, कोरोना संकट के बाद भी बरकरार रहेगा असर

यूरोपीय आयोग ने अनुमान लगाया है कि इस साल यूरोप की अर्थव्यवस्था 7.4 फीसद तक सिकुड़ जाएगी और उसे इतिहास की सबसे बड़ी आर्थिक मंदी का सामना करना पड़ेगा।

By Krishna Bihari SinghEdited By: Published: Fri, 08 May 2020 12:12 AM (IST)Updated: Fri, 08 May 2020 02:16 AM (IST)
यूरोपीय संघ पर ऐतिहासिक मंदी का खतरा, कोरोना संकट के बाद भी बरकरार रहेगा असर
यूरोपीय संघ पर ऐतिहासिक मंदी का खतरा, कोरोना संकट के बाद भी बरकरार रहेगा असर

ब्रसेल्स, एजेंसियां। यूरोप के लिए एक अच्छी खबर यह है कि महामारी का सबसे खराब दौर खत्म होना शुरू हो गया है। इस सप्ताह इटली में मौत का आंकड़ा दो माह में सबसे कम रहा है। जर्मनी और ब्रिटेन प्रतिबंधों में ढील देने की तैयारी कर रहे हैं। जर्मनी की चांसलर एंजेला मर्केल ने एलान किया है कि कुछ दिनों में स्कूल, डे केयर सेंटर और रेस्टोरेंट खोल दिए जाएंगे। ब्रिटेन में भी प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन लॉकडाउन में सीमित छूट का एलान करने वाले हैं। इस बीच यूरोपीय आयोग ने अनुमान लगाया है कि इस साल यूरोप की अर्थव्यवस्था 7.4 फीसद तक सिकुड़ जाएगी।

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यूरोपीय आयोग के एक शीर्ष अधिकारी ने कहा कि दूसरे विश्वयुद्ध के बाद गठित होने से लेकर अब तक यूरोपीय संघ को इतिहास की सबसे बड़ी आर्थिक मंदी का सामना करना पड़ेगा। 27 देशों के समूह की अर्थव्यवस्था के लिए पहले 1.2 फीसद बढ़ोतरी का अनुमान लगाया गया था। 2009 में जब वैश्विक आर्थिक संकट आया था, तब यूरोपीय संघ की अर्थव्यवस्था में 4.5 फीसद की गिरावट आई थी। अनुमान लगाया जा रहा है कि अगर वायरस का कोई निदान खोज लिया जाता है, तो भी आर्थिक गिरावट का असर विश्व अर्थव्यवस्था पर यदि वर्षो तक नहीं तो महीनों तक बना रहेगा।

यूरोपीय संघ अमेरिका का सबसे बड़ा कारोबारी साझीदार है। यह चीन का दूसरा सबसे बड़ा कारोबारी साझीदार है। इसके अलावा यह अफ्रीका के उप-सहारा क्षेत्रों और दुनिया के अन्य विकासशील देशों का सबसे बड़ा निवेशक है। लंबे समय तक यूरोपीय मंदी, वायरस की दूसरी लहर या अर्थव्यस्था में कमजोर सुधार कई यूरोपीय लोगों की मुश्किल बढ़ाएगा। इसके अलावा यह कंपनियों, बैंकों और दुनिया भर के लोगों को नुकसान पहुंचाएगा।

इस बीच, जर्मनी की चांसलर मर्केल ने लॉकडाउन में राहत देने के लिए कदमों की घोषणा की। लेकिन, साथ ही एक आपातकालीन ब्रेक सिस्टम भी लांच किया, जिससे संक्रमण के मामलों में बढ़ोतरी से नए सिरे से प्रतिबंध लगाने की अनुमति मिल जाएगी। जर्मनी में महामारी के पहले दौर के अंत की घोषणा करते हुए मर्केल ने कहा कि कोरोना वायरस के खिलाफ अभी लंबी लड़ाई लड़नी पड़ेगी, जिसने यूरोप की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था को ध्वस्त कर दिया है। उन्होंने कहा कि सरकार जून में आर्थिक पैकेज पर फैसला करेगी।

दूसरी तरफ, ब्रिटेन में प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन अगले सप्ताह लॉकडाउन में सीमित छूट देने का एलान करेंगे। वे यह सुनिश्चित करने के लिए सतर्क रवैया अपनाएंगे कि संक्रमण की कोई दूसरी लहर न आ जाए, जिससे अर्थव्यवस्था को और नुकसान पहुंचने की आशंका हो।

जॉनसन वर्तमान उपायों की मंत्रियों द्वारा समीक्षा किए जाने के बाद रविवार को कोरोना वायरस के खिलाफ उठाए जाने वाले कदमों का एलान करने वाले हैं। मौजूदा नीति के तहत ब्रिटिश सरकार ने अर्थव्यवस्था को बंद और लाखों लोगों को घर पर रखा है। जॉनसन के प्रवक्ता ने संवाददाताओं को बताया कि अगले हफ्ते दिशा-निर्देशों में कुछ ढील दी जाएगी। हम वायरस के खिलाफ लड़ाई के एक महत्वपूर्ण चरण में हैं। हम ऐसा कुछ भी नहीं करेंगे जो ब्रिटिश जनता के प्रयासों और बलिदानों को नष्ट करने का जोखिम उठाए। 


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