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EU and Taliban: यूरोपीय यूनियन ने क्‍लीयर किया स्‍टैंड, ताकत से सत्ता हथियाने पर तालिबान को मान्यता नहीं देगा

एएनआइ के अनुसार यूरोपीय यूनियन (ईयू) के अफगानिस्तान में प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व कर रहे थामस निकोलसन ने अफगान टाइम्स को बताया कि ताकत और हिंसा के बल पर यदि तालिबान सत्ता पर काबिज हुआ तो ईयू व अन्य देश उसे मान्यता नहीं देंगे।

By Ramesh MishraEdited By: Published: Mon, 02 Aug 2021 06:07 PM (IST)Updated: Mon, 02 Aug 2021 06:14 PM (IST)
EU and Taliban: यूरोपीय यूनियन ने क्‍लीयर किया स्‍टैंड, ताकत से सत्ता हथियाने पर तालिबान को मान्यता नहीं देगा
यूरोपीय यूनियन ने कहा ताकत से सत्ता हथियाने पर तालिबान को मान्यता नहीं देगा। फाइल फोटो।

काबूल/वाशिंगटन, एजेंसी। एएनआइ के अनुसार यूरोपीय यूनियन (ईयू) के अफगानिस्तान में प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व कर रहे थामस निकोलसन ने अफगान टाइम्स को बताया कि ताकत और हिंसा के बल पर यदि तालिबान सत्ता पर काबिज हुआ तो ईयू व अन्य देश उसे मान्यता नहीं देंगे।

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गनी ने देश की बिगड़ती स्थिति के लिए अमेरिकी सेना की वापसी को ठहराया दोषी

रक्षा मंत्रालय का कहना है कि यहां 38 आतंकी मारे गए। घटना उस समय हुई, जब तालिबान आतंकी जेल में घुसने का प्रयास कर रहे थे। इधर अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी ने देश की बिगड़ती स्थिति के लिए अमेरिकी सेना की अचानक वापसी को जिम्मेदार ठहराया है। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार की छह महीने में स्थिति को पूरी तरह नियंत्रण में लाने की योजना थी। अमेरिका के निर्णय से इस योजना पर ठीक से अमल नहीं हो सका। गनी ने संसद में दिए भाषण में ये बातें कहीं।

कंधार में संघर्ष के दौरान मोर्टार हमले में पांच नागरिकों की मौ

यहां गुजारा और करोख जिलों पर नियंत्रण को लेकर कई दिन से लड़ाई चल रही है। सैकड़ों परिवार हिंसा से बचने के लिए यहां से पलायन कर गए हैं। कंधार में संघर्ष के दौरान मोर्टार हमले में पांच नागरिकों की मौत हो गई। हेलमंद प्रांत की राजधानी लश्कर गाह में घुसने के लिए तालिबान पूरा दबाव बनाए हुए है। यहां पुलिस मुख्यालय और गवर्नर कार्यालय के पास सेना और तालिबान के बीच गोलीबारी चल रही है। सूत्रों ने बताया कि इस शहर में कई हिस्से तालिबान के कब्जे में आ गए हैं।

हेरात और लश्कर गाह में कब्जे को लेकर भीषण लड़ाई

अफगानिस्तान में हेरात, लश्कर गाह और कंधार सहित कई प्रांतीय राजधानियों पर कब्जे को लेकर तालिबान और अफगान सेना के बीच भीषण लड़ाई चल रही है। हेरात में तालिबान आतंकियों को रोकने के लिए काबुल से अतिरिक्त सेना भेजी गई है। सरकारी प्रवक्ता ने बताया कि हेरात शहर में चार दिन से तालिबान लगातार गोलीबारी कर रहा है। वहां अब काबुल से सेना भेजी गई है। सेना के साथ उप गृह मंत्री अब्दुल रहमान रहमान भी हैं। हेरात के पास मालन ब्रिज पर तालिबान ने कब्जा कर लिया है। हेरात के पश्चिमी क्षेत्र में भी जबर्दस्त संघर्ष चल रहा है।


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