दिव्यांगों को स्पर्श का एहसास कराएंगे इलेक्ट्रॉनिक दस्ताने, मानसिक स्वास्थ्य में होगा सुधार
अमेरिका की पर्ड्यू यूनिवर्सिटी के असिस्टेंट प्रोफेसर ची वान ली और उनके द्वारा विकसित किया गया इलेक्ट्रॉनिक दस्ताना जिसे कृत्रिम हाथों को पहनाया गया है।
वाशिंगटन, प्रेट्र। वैज्ञानिकों ने ऐसे इलेक्ट्रॉनिक दस्ताने बनाए हैं जिन्हें कृत्रिम (प्रोस्थेटिक) हाथों में पहनकर स्पर्श का अहसास किया जा सकता है। साथ ही इसमें लगे सेंसर तापमान और दबाव को भी महसूस कर सकते हैं। अमेरिका की पर्ड्यू यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं के मुताबिक, जो लोग हाथों से दिव्यांग होते हैं उन्हें दैनिक जीवन में कई चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। कई लोग अक्सर कृत्रिम हाथों को पहन तो लेते हैं, लेकिन इसके बाद भी उनकी समस्याएं जस की तस बनीं रहती हैं। इसी को देखते हुए शोधकर्ताओं ने इलेक्ट्रॉनिक दस्ताने विकसित किए हैं, ताकि दिव्यांग भी सामान्य जीवन जी सकें। इन दस्तानों को पहन कर वे भी ठंडे-गर्म और अन्य चीजों का अहसास कर पाएंगे। वैज्ञानिकों की मानें तो भविष्य में इन दस्तानों को और उन्नत बनाकर रोबोटिक्स के क्षेत्र में भी प्रयोग किया जा सकता है।
गतिशीलता बहाल करते हैं कृत्रिम हाथ
शोधकर्ताओं ने कहा कि पारंपरिक कृत्रिम हाथ गतिशीलता को बहाल करने में मदद करते हैं और नई तकनीक से बने ई-दस्ताने दैनिक कार्यों में एक मनुष्य के हाथ की तरह उसके उपयोगकर्ता (यूजर) की सहायता करते हैं। इसकी मदद से एक वास्तविक हाथ की तरह ही कृत्रिम हाथ भी सभी संवेदनाओं को महसूस कर सकता है।
मानसिक स्वास्थ्य में होगा सुधार
शोधकर्ताओं ने कहा कई बार शरीर के अंग भंग होने पर लोग अपना मानसिक संतुलन खो देते हैं, लेकिन इलेक्ट्रॉनिक दस्तानों की मदद से दिव्यागों के मानसिक स्वास्थ्य में भी सुधार हो सकता है और वह आम लोगों की तरह जिंदगी जी सकते हैं।
सिलिकॉन की चिप करती है काम
इस इलेक्ट्रॉनिक दस्ताने के बारे में एपीजी एशिया मैटेरियल नामक पत्रिका में विस्तार से बताया गया है। ये दस्ताने पतले, लचीले इलेक्ट्रॉनिक युक्त सेंसर होते हैं। इसमें सिलिकॉन की सर्किट चिप का उपयोग किया गया है, जो हाथों में पहनने के लिए विशेष रूप से बनाई गई एक घड़ी की मदद से काम करता है। सर्किट चिप से सेंसर के जरिये इसमें डाटा एकत्र होता है और घड़ी तुरंत उसका विश्लेषण कर परिणाम बताती है।
हाथों की तरह ले सकता है आकार
पर्ड्यू कॉलेज ऑफ इंजीनिर्यंरग के असिस्टेंट प्रोफेसर ची वान ली ने कहा ‘हमने एक वाणिज्यिक नाइट्राइल दस्ताने की तरह सॉफ्ट-पैकेज्ड, सेंसर-इंस्ट्रूमेंटेड ई-दस्ताना विकसित किया है, जो हाथ के आकार की तरह ही अपना आकार (शेप)भी ले सकता है।’ उन्होंने कहा ‘ ई-दस्ताने को दबाव, तापमान, आर्द्रता और इलेक्ट्रोफिजियोलॉजिकल बायोसिग्नल्स को इकट्ठा करने के लिए मल्टी-मॉडल सेंसर के स्ट्रेचेबल फॉर्म के साथ जोड़ा गया है। जिससे यह एक वास्तविक हाथ की तरह यूजर को संवेदनाएं महसूस कर सकता है।
जीवन सुगम बनाएंगे दस्ताने
ये दस्ताने ली ने अमेरिका की यूनिवर्सिटी ऑफ जॉर्जिया और यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्सास के शोधकर्ताओं के साथ मिल कर तैयार किए हैं। ली और उनकी टीम को उम्मीद है कि आने वाले समय ये दस्ताने कृत्रिम हाथों वाले लोगों को दैनिक जीवन में मदद करेंगे और उनका जीवन सुगम बनाएंगे। ये दस्ताने विभिन्न रंगों में उपलब्ध हैं, इसमें एक आम हाथ की तरह ही उंगलियों के निशान और कृत्रिम नाखून भी मौजूद हैं। निर्माण के लिहाज से भी ये काफी किफायती हैं।
इंसानों की तरह संवेदनशील हो सकते हैं रोबोट
वैज्ञानिकों का मानना है कि आने वाले समय में इन दस्तानों को और उन्नत बनाकर रोबोक्टिस को क्षेत्र में भी प्रयोग किया जा सकता है। हमारे पास आज कई ऐसे रोबोट हैं जो मनुष्यों की तरह दिखते हैं, लेकिन स्पर्श कर सकने की उनमें संवेदना नहीं होती। यदि इन दस्तानों को और उन्नत बनाया जाए तो भविष्य में रोबोट भी इंसानों की तरह संवेदनशील हो सकते हैं।