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1971 में पाक सेना के अत्याचार का शिकार बने लोगों को श्रद्धांजलि दें,अंतरराष्ट्रीय नरसंहार पीड़ित दिवस पर बोला भारत

नरसंहार के पीड़ितों के अंतरराष्ट्रीय दिवस पर 1971 के युद्ध में पाकिस्तानी सेना के अत्याचार के शिकार बने लाखों लोगों को श्रद्धांजलि देने का आह्वान किया। इस युद्ध के दौरान 30 लाख लोगों मौत हो गई थी और लाखों महिलाओं के साथ पाकिस्तानी सेना ने दुष्कर्म किया था।

By TaniskEdited By: Published: Wed, 09 Dec 2020 02:00 PM (IST)Updated: Wed, 09 Dec 2020 02:00 PM (IST)
1971 में पाक सेना के अत्याचार का शिकार बने लोगों को श्रद्धांजलि दें,अंतरराष्ट्रीय नरसंहार पीड़ित दिवस पर बोला भारत
संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि टीएस त्रिमूर्ति ।

संयुक्त राष्ट्र, पीटीआइ। संयुक्त राष्ट्र ने बुधवार को अंतरराष्ट्रीय नरसंहार पीड़ित दिवस के रूप में मनाया। इस दौरान भारत ने 1971 के युद्ध के दौरान पाकिस्तानी सेना और धार्मिक मिलिशिया द्वारा मारे गए तीस लाख लोगों और यौन उत्पीड़न की शिकार हुईं हजारों महिलाओं को श्रद्धांजलि देने का आह्वान किया। इसे मानव इतिहास का सबसे भयावह घटना बताया। संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि टीएस त्रिमूर्ति ने ट्वीट करके यह बात कही।

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1971 में युद्ध की शुरुआत 25 मार्च की आधी रात को अचानक हुई थी, जिसके बाद पूर्वी पाकिस्तान में पाकिस्तानी सैनिकों ने हमला किया। 16 दिसंबर को यह युद्ध समाप्त हुआ, जब पाकिस्तान ने हार मान लिया और ढाका में बंगाली स्वतंत्रता सेनानियों एवं भारतीय सेना के समक्ष बिना शर्त के आत्मसमर्पण कर दिया। बता दें कि हर साल 9 दिसंबर को नरसंहार के शिकार और इसके पीड़ितों की गरिमा को चिन्हित करने के लिए अंतरराष्ट्रीय दिवस के रूप में मनाया जाता है। 

संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने कहा कि नरसंहार सबसे जघन्य अपराध है। यह हमारे मौलिक मूल्यों पर हमला है। उन्होंने कहा कि द्वितीय विश्व युद्ध के बाद दिसंबर 1948 में अपनाया गया नरसंहार सम्मेलन, महासभा द्वारा अपनाया गया पहला मानवाधिकार संधि था। यह मुद्दा हमेशा प्रासंगिक बना रहता है। 

गुटेरेस ने आगे कहा कि हम नरसंहार और अन्य अपराधों को रोकने के लिए काम कर रहे हैं। दुख की बात यह है कि ऐसे अपराध अभी भी जारी हैं और मानव जीवन का सम्मान नहीं हो रहा है। सितंबर 2017 में संयुक्त राष्ट्र महासभा को अपने संबोधन के दौरान, बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना ने कहा कि पाकिस्तान की सेना ने 1971 में एक जघन्य सैन्य अभियान चालाया था। इसके चलते नौ महीने तक चले बांग्लादेश मुक्ति युद्ध के दौरान नरसंहार हुआ। इसमें 30 लाख निर्दोष लोगों की मौत हो गई और दो लाख से ज्यादा से महिलाओं का यौन उत्पीड़न किया।


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