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अजीब शौक के चलते इस शख्स ने शरीर में 516 से अधिक बार कराई तब्दीलियां, गिनीज बुक में दर्ज कराया नाम

जर्मनी की एक टेलीकॉम कंपनी से जुड़े रॉल्फ बुचोलज को अपने शरीर में बदलाव करवाने का शौक है। अब तक वह 516 से भी अधिक बार शरीर में तब्दीलियां करवा चुके हैं जिसके लिए उनका नाम गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज किया गया है।

By Vinay TiwariEdited By: Published: Mon, 26 Oct 2020 02:24 PM (IST)Updated: Tue, 27 Oct 2020 12:28 PM (IST)
अजीब शौक के चलते इस शख्स ने शरीर में 516 से अधिक बार कराई तब्दीलियां, गिनीज बुक में दर्ज कराया नाम
जर्मनी की एक टेलीकॉम कंपनी से जुड़े रॉल्फ बुचोलज। (फोटो फेसबुक से साभार)

बर्लिन, एजेंसी। कुछ लोगों का शौक बहुत अजीब होता है। यही अजीब तरह का शौक उनको आम लोगों से एकदम अलग दिखाता है। कई बार इनके किए गए नाम विश्व रिकॉर्ड भी बना देते हैं। ऐसे में वो आम आदमी भी खास हो जाता है। 

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हालांकि इन अजीबोगरीब चीजों का शरीर के अंगों पर कई बार गलत असर भी पड़ता है मगर जुनूनी लोग इसकी कतई परवाह नहीं करते हैं। ऐसा ही एक नया मामला सामने आया है जिसमें एक शख्स ने अपने शौक के चलते शरीर में सैकड़ों बदलाव कराए और आकर्षण का केंद्र बन गया। 

जर्मनी की एक टेलीकॉम कंपनी से जुड़े रॉल्फ बुचोलज का शौक भी कुछ ऐसा ही है। उन्हें अपने शरीर में बदलाव करवाने का शौक है। अब तक वह 516 से भी अधिक बार अपने शरीर में तब्दीलियां करवा चुके हैं, जिसके लिए उनका नाम गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज किया गया है। जब वह 40 साल के थे तब उन्होंने पहली बार शरीर पर टैटू बनवाया था और छेद करा रिंग डलवाए थे। 

पिछले 20 से अधिक वर्षो में वह जीभ, भौंह व नाक में सैकड़ों बार छेद करवाकर रिंग पहन चुके हैं। उन्होंने अपने ललाट पर दो ‘सिंग’ का भी प्रत्यारोपण करवाया है। इसके कारण उनका चेहरा पूरी तरह बदल गया है। रॉल्फ कहते हैं, ‘अभी मेरा शरीर सही नहीं हुआ है। यह तो सिर्फ बाहर से बदला है। मैं वही हूं जो पहले था।’ 

टैटू एक कला

टैटू को कला के रूप में जाना जाता है। इस कला को लोग अपने शरीर पर अनेक हिस्सों में बनवाते हैं। ब्लैक एंड वाइट टैटू के साथ-साथ रंग-बिरंगे टैटू का भी ट्रेंड चल रहा है। फूल पत्ती हो या जानवर, अलग शेप्स हो या रोल मॉडल आजकल लोग तरह-तरह के टैटू बनवा रहे हैं। इसके अलावा लोग भगवानों के नाम व उनके चित्र भी टैटू रूप में बनवा रहे हैं।

मार्केट में आज परमानेंट टैटू के अलावा टेंपरेरी टैटूज भी मौजूद हैं। जो लोग परमानेंट टैटूज नहीं बनवाना चाहते वे टेंपरेरी टैटूज की मदद से अपने शौक को पूरा कर सकते हैं। यह टेंपरेरी टैटू स्क्रीन की ऊपरी लेयर पर बनते हैं। इन्हीं को एपिडर्मिस कहा जाता है। जबकि परमानेंट टैटू स्किन की भीतरी दूसरे लेयर पर बनते हैं जिन्हें डर्मिस कहा जाता है।


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