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रूस से संबंध को लेकर जांच एजेंसी FBI के निशाने पर हैं डोनाल्ड ट्रंप

मई, 2017 में FBI Director James B Komme को पद से हटाने के ट्रंप के कदम के बाद जांच अधिकारियों का संदेह इतना गहरा गया था कि उन्हें लगा कि ट्रंप रूस के इशारे पर काम कर रहे हैं।

By Arun Kumar SinghEdited By: Published: Sat, 12 Jan 2019 09:29 PM (IST)Updated: Sat, 12 Jan 2019 09:29 PM (IST)
रूस से संबंध को लेकर जांच एजेंसी FBI के निशाने पर हैं डोनाल्ड ट्रंप
रूस से संबंध को लेकर जांच एजेंसी FBI के निशाने पर हैं डोनाल्ड ट्रंप

द न्यूयॉर्क टाइम्स, वाशिंगटन। रूस से अपने संबंधों को लेकर अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप संघीय जांच एजेंसी (एफबीआइ) के निशाने पर हैं। मई, 2017 में एफबीआइ डायरेक्टर जेम्स बी. कोमे को पद से हटाने के ट्रंप के कदम के बाद जांच अधिकारियों का संदेह इतना गहरा गया था कि उन्हें लगा कि ट्रंप रूस के इशारे पर काम कर रहे हैं।

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मामले से जुड़े कुछ लोगों और पूर्व प्रवर्तन अधिकारियों के मुताबिक, जांच एजेंसी को ऐसा लगने लगा था कि राष्ट्रपति का कदम देश की सुरक्षा को खतरा पहुंचाने वाला है। संदेह गहराने के कारण उनके खिलाफ जांच शुरू कर दी गई। जांच एजेंसी यह जानने का प्रयास भी कर रही है कि ट्रंप जानबूझकर रूस के इशारे पर काम कर रहे हैं या अनजाने में रूस का हथियार बन रहे हैं। हालांकि अब तक इनमें से किसी भी संदेह को पुष्ट करने वाला कोई प्रमाण सामने नहीं आया है।

शुरुआत से ही ट्रंप पर है रूस का साया
रूस से करीबी का आरोप राष्ट्रपति चुनाव अभियान के समय से ही डोनाल्ड ट्रंप पर लगता रहा है। स्पेशल काउंसल रॉबर्ट मुलर इस मामले में ट्रंप के खिलाफ बेहद मुखर रहे हैं। मुलर 2016 के राष्ट्रपति चुनावों के दौरान रूसी हस्तक्षेप को लेकर जांच कर रहे हैं। हालांकि ट्रंप ने हमेशा से ऐसे आरोपों को बेबुनियाद बताया है। मुलर की जांच को ट्रंप 'विच हंट' की संज्ञा दे चुके हैं।

दोहरी जांच कर रही एफबीआइ
एफबीआइ दो तरह की जांच करती है, इनमें आपराधिक जांच और राष्ट्रीय सुरक्षा पर खतरे से जुड़ी जांच शामिल होती है। ट्रंप के खिलाफ जांच में दोनों ही पहलू शामिल हैं। एक अधिकारी ने कहा, 'ट्रंप ने अगर रूस से संबंधों के मामले में चल रही जांच को प्रभावित करने के उद्देश्य से कोमे को हटाया था, तो यह आपराधिक मामला भी है और राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ा मामला भी है।'

कुछ कदमों ने बढ़ाया था संदेह
ट्रंप चुनाव अभियान के दौरान ही एफबीआइ के संदेह के घेरे में आ गए थे। उस समय चुनावी प्रतिद्वंद्वी और डेमोक्रेट उम्मीदवार हिलेरी क्लिंटन का ईमेल हैक होने में रूस की भूमिका पर सवाल उठाया गया था। उस समय अपने अभियानों में ट्रंप ने रूस की आलोचना के स्थान पर वहां के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की तारीफ की थी।

यूक्रेन मामले में ट्रंप की रिपब्लिकन पार्टी के नरम रवैये ने भी अधिकारियों को संदेह पर मजबूर किया था। बाद में कोमे को एफबीआइ के डायरेक्टर पद से हटाने के कदम के बाद अधिकारियों ने उनके खिलाफ जांच शुरू कर दी थी। एफबीआइ ने सीधे इस तरह की जांच को लेकर टिप्पणी नहीं की है।


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