ग्लोबल वार्मिंग के कारण बढ़ रहा है डेंगू और जीका बीमारियों का खतरा
डेंगू फैलाने वाले मच्छर ही जीका वायरस भी फैलाते हैं। जीका वायरस की पहली बार पहचान 1947 में हुई थी। शोधकर्ताओं ने पता लगाया है कि वायु प्रदूषण भी डेंगू और जीका बीमारियों का कारण है।
वाशिंगटन, पीटीआइ। धरती के लगातार बढ़ते तापमान को लेकर जारी वैश्विक चिंताओं के बीच वैज्ञानिकों ने चेतावनी दी है कि ग्लोबल वार्मिंग से डेंगू और जीका का खतरा लगातार बढ़ रहा है। दुनियाभर में महीने के आधार पर तापमान में बदलाव की जांच करने वाले एक अध्ययन में दावा किया गया है कि 2080 तक करीब एक अरब लोग मच्छरों से होने वाली बीमारी जैसे डेंगू, जीका आदि की चपेट में होंगे।
प्लस नेगलेक्टेड ट्रापिकल डिसीज जर्नल में प्रकाशित अध्ययन में चेतावनी दी गई है कि जिन स्थानों पर मच्छरों के लिए अनुकूल जलवायु नहीं है, जलवायु परिवर्तन से वहां भी मच्छर फैल जाएंगे। मच्छर जो वायरस लाते हैं वह सही परिस्थितियां मिलने पर वह बहुत तेजी से प्रकोप फैलाते हैं।
अमेरिका की जार्जटाउन यूनिवर्सिटी के पोस्टडॉक्टरल फेलो कॉलिन जे कार्लसन ने बताया कि ग्लोबल वार्मिंग वैश्विक स्वास्थ्य सुरक्षा के लिए सबसे बड़ा और व्यापक खतरा है। मच्छर जनित बीमारियों में जितना मच्छर जिम्मेदार होता है उससे ज्यादा अब ग्लोबल वार्मिंग होता है।
उन्होंने बताया कि ब्राजील में 2015 में जब जीका वायरस का प्रकोप हुआ तो उनकी चिंता और बढ़ गई। यूनिवर्सिटी ऑफ फ्लोरिडा के सैडी जे रेयान और कार्लसन के नेतृत्व में शोधकर्ताओं की एक टीम ने बीमारी फैलाने वाले दो मच्छरों एडीज इजिप्टी, एडीज अल्बोपिक्टस (टाइगर मच्छर) पर तापमान के प्रभाव का दशकों तक अध्ययन किया। इसके साथ ही यह भी जाना की भविष्य में तापमान का इन पर क्या प्रभाव पड़ेगा।
उन्होंने बताया कि 2080 तक हालात बहुत विकट होंगे। मच्छरों की आबादी में होगी अप्रत्याशित वृद्धि दोनों प्रकार के मच्छर डेंगू, चिकनगुनिया और जीका वायरस जैसी दर्जनों उभरती बीमारियों के प्रवाहक होते हैं। ग्लोबल वार्मिंग की वजह से मच्छरों की आबादी में अप्रत्याशित वृद्धि होगी और पूरी दुनिया एक दिन इस खतरे का सामना करेगी।
शोधकर्ताओं ने बताया कि जिन बीमारियों को अभी तक हम केवल ऊष्णकटिबंधीय जगहों की मानते हैं। वह पूरी दुनिया में फैल जाएंगी। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के अनुसार मच्छर विश्व के सबसे खतरनाक जीवों में से एक है, जिसकी वजह से होने वाली बीमारियों से प्रत्येक साल लाखों लोग जान गंवाते हैं।