कोरोना के चलते पीड़ितों में किडनी रोग का बढ़ा खतरा, पढ़ें- अध्ययन में सामने आइ बड़ी बात
वाशिंगटन यूनिवर्सिटी स्कूल आफ मेडिसिन के शोधकर्ताओं के मुताबिक कोरोना से संक्रमित होने वाले लोगों की किडनी को नुकसान पहुंचने का खतरा ज्यादा पाया गया है। इसके चलते किडनी रोग का जोखिम बढ़ सकता है। अध्ययन में एक लाख 51 हजार से अधिक महिलाओं के डाटा पर भी किया गौर।
वाशिंगटन, आइएएनएस। कोरोना वायरस (कोविड-19) की चपेट आने वाले लोगों की सेहत पर इस घातक वायरस का गहरा प्रभाव सामने आ रहा है। संक्रमण से उबरने के बाद भी कई तरह की समस्याएं उभर रही हैं। अब इस वायरस के चलते पीडि़तों में किडनी रोग का खतरा पाया जा रहा है। एक नए अध्ययन के अनुसार, कोरोना के दीर्घकालीन असर के तौर पर किडनी की कार्यक्षमता में गिरावट पाई गई है। कोरोना से मामूली रूप से संक्रमित होने वाले कई पीडि़तों में भी इस तरह की समस्या पाई गई है।
अमेरिका की वाशिंगटन यूनिवर्सिटी स्कूल आफ मेडिसिन के शोधकर्ताओं के मुताबिक, कोरोना से संक्रमित होने वाले लोगों की किडनी को नुकसान पहुंचने का खतरा ज्यादा पाया गया है। इसके चलते किडनी रोग का जोखिम बढ़ सकता है। अमेरिकन सोसाइटी आफ नेफ्रोलाजी में अध्ययन के नतीजों को प्रकाशित किया गया है। वाशिंगटन यूनिवर्सिटी के असिस्टेंट प्रोफेसर जियाद अल-अली ने कहा, 'हमारे नतीजों से यह जाहिर होता है कि कोरोना पीडि़तों के इलाज में जुटे चिकित्सकों को इनकी किडनी की कार्यक्षमता पर भी गौर करना चाहिए। इससे हजारों लोगों को इस खतरे से बचाया जा सकता है।'
शोधकर्ताओं ने यह निष्कर्ष एक मार्च, 2020 से 15 मार्च, 2021 के दौरान 17 लाख से ज्यादा स्वस्थ और कोरोना पीडि़त वयस्कों के डाटा के विश्लेषण के आधार पर निकाला है। अध्ययन में एक लाख 51 हजार से अधिक महिलाओं के डाटा पर भी गौर किया गया। जियाद ने कहा, 'किडनी की कार्यक्षमता में गिरावट का सबसे ज्यादा खतरा आइसीयू में भर्ती रहने वाले लोगों में पाया गया है।'