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कोरोना से दिल को होने वाले जख्मों की बनाई गई दवा, रोगियों पर अभी चल रहा है ट्रायल

प्रोफेसर जेम्स हडसन ने बताया कि उनकी टीम ने प्रयोगशाला में बनाए गए मानव हृदय के छोटे-छोटे हिस्सों के हजारों मिनिएचर पर प्रयोग कर यह जानने की कोशिश की कि कोरोना संक्रमण के कारण किस प्रकार से दिल को नुकसान पहुंचता है।

By Dhyanendra Singh ChauhanEdited By: Published: Thu, 04 Mar 2021 06:39 PM (IST)Updated: Thu, 04 Mar 2021 06:46 PM (IST)
कोरोना से दिल को होने वाले जख्मों की बनाई गई दवा, रोगियों पर अभी चल रहा है ट्रायल
इस शोध के आधार पर कनाडाई कंपनी ने बनाई दवा

वाशिंगटन, एएनआइ। कोरोना से उबरने के बाद भी लोग कई तरह की परेशानियों से जूझ रहे हैं। इसमें संक्रमण के कारण दिल को भी नुकसान होने के मामले सामने आए हैं। ऐसे में आस्ट्रेलियाई शोधकर्ताओं के अध्ययन के आधार पर ऐसी दवा बनाई गई है, जो कोरोना के कारण दिल को होने वाले नुकसान से बचा सकती है या उसके कारण दिल को हुए जख्म को भर सकती है।

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बताया गया है कि कोरोना के मामले में प्रतिरक्षण तंत्र (इम्यून सिस्टम) संक्रमण के प्रति कुछ ज्यादा ही प्रतिक्रिया करता है, जिससे रक्त प्रवाह में साइटोकाइंस नामक जलन पैदा करने वाले मॉलिक्यूल का स्राव होता है। यह साइटोकाइंस स्ट्रॉम दिल समेत कई अंगों को नुकसान पहुंचाता है।

कनाडाई कंपनी रेसवरलॉजिक्स ने आस्ट्रेलियाई क्यूआइएमआर बर्घोफर रिसर्च इंस्टीट्यूट के उक्त शोध के आधार पर एपाबिटालोन नामक एक दवा तैयार की है, जिसका कोरोना रोगियों पर ट्राइल चल रहा है।

ऐसे किया गया अध्ययन

क्यूआइएमआर बर्घोफर कॉर्डियक बायोइंजीनियरिंग रिसर्च ग्रुप के एसोसिएट प्रोफेसर जेम्स हडसन ने बताया कि उनकी टीम ने प्रयोगशाला में बनाए गए मानव हृदय के छोटे-छोटे हिस्सों के हजारों मिनिएचर पर प्रयोग कर यह जानने की कोशिश की कि कोरोना संक्रमण के कारण किस प्रकार से दिल को नुकसान पहुंचता है। उन्होंने बताया, 'हमने कोरोना रोगियों के रक्त से बायोइंजीनियरिंग के जरिये हृदय के ऊतकों (टिश्यू) को अलग करने पर पाया कि उन ऊतकों ने संक्रमित नहीं होने की स्थिति में भी काम करना बंद कर दिया।'

कोरोना संबंधी शोध में मिला अतुल्य परिणाम 

रेसवरलॉजिक्स के प्रेसिडेंट और सीईओ डोनॉल्ड मैक कैफ्री ने इस उपलब्धि पर खुशी जताते हुए कहा है कि क्यूआइएमआर टीम के साथ काम करना बहुत ही अच्छा है। हमें इस बात को लेकर उत्साहित हैं कि हमने इस साझेदारी से कोरोना रिसर्च प्रोग्राम के तहत एक अतुल्य परिणाम हासिल किया है।


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