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अफगानिस्‍तान में हम नहीं लेना चाहते लाखों बेगुनाहों की जान, पाक करेगा सहयोग : डोनाल्ड ट्रंप

Peace talks with Taliban अमेरिकी राष्‍ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (US President Donald Trump) ने शुक्रवार को तालिबान के साथ शांति वार्ता में प्रगति को हरी झंडी दिखाई।

By Krishna Bihari SinghEdited By: Published: Sat, 03 Aug 2019 10:11 AM (IST)Updated: Sat, 03 Aug 2019 10:20 AM (IST)
अफगानिस्‍तान में हम नहीं लेना चाहते लाखों बेगुनाहों की जान, पाक करेगा सहयोग : डोनाल्ड ट्रंप
अफगानिस्‍तान में हम नहीं लेना चाहते लाखों बेगुनाहों की जान, पाक करेगा सहयोग : डोनाल्ड ट्रंप

वाशिंगटन, एएफपी। अमेरिकी राष्‍ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (US President Donald Trump) ने शुक्रवार को तालिबान के साथ शांति वार्ता में 'प्रगति' को हरी झंडी दिखाई। उन्‍होंने व्‍हाइट हाउस में संवाददाताओं से कहा कि अमेरिकी सेना लगभग दो दशकों से अफगानिस्‍तान में आतंकियों से लोहा ले रही है। अमेरिका चाहे तो वह तीन से चार दिनों में अफगानिस्‍तान पर जीत हासिल कर सकता है लेकिन हम लाखों बेगुनाहों की हत्‍या नहीं करना चाहते हैं।

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अमेरिकी राष्‍ट्रपति ने यह भी उम्‍मीद जताई कि अफगानिस्‍तान में तालिबान के साथ होने वाली शांति वार्ता में पाकिस्‍तान अमेरिका की मदद करेगा। उन्‍होंने बताया कि हाल के दिनों में पाकिस्‍तानी प्रधानमंत्री इमरान खान के साथ उनके रिश्‍तों में सुधार आया है। ट्रंप ने कहा कि जैसे की आप सब जानते हैं पिछले हफ्ते हमने पाकिस्‍तान के प्रधानमंत्री से मुलाकात की थी। हम अच्‍छा कर रहे हैं, हमारे दिल में उनके प्रति काफी सम्‍मान है।

बता दें कि 'द वाशिंगटन पोस्ट' की रिपोर्ट में कहा गया है कि अमेरिका तालिबान के साथ शुरुआती शांति समझौते के तहत अफगानिस्तान से अपने पांच हजार से ज्‍यादा सौनिकों को वापस बुलाने की तैयारी कर रहा है। अखबार ने एक अमेरिकी अधिकारी के हवाले से बताया था कि ट्रंप प्रशासन अफगानिस्तान में सैन्य बलों की संख्या 14 हजार से कम करके 8000 करने की तैयारी कर रहा है।

अमेरिकी राष्‍ट्रपति ट्रंप का बयान ऐसे समय आया है जब अमेरिका के विशेष दूत जलमय खलीलजाद इस समय अफगानिस्‍तान में हैं। वह तालिबान के साथ शांति वार्ता कर रहे हैं, ताकि अफगानिस्‍तान से अमेरिकी बलों की वापसी संबंधी समझौता किया जा सके। हालांकि, इस सबके बीच तालिबान आतंकियों के हमले जारी हैं। तालिबान का कहना है कि अफगानिस्तान से अमेरिकी सैनिकों की वापसी के ऐलान के बाद ही अफगान सरकार के साथ बातचीत होगी।

हाल ही में संयुक्त राष्ट्र ने एक रिपोर्ट जारी की है। जिसमें कहा गया है कि आतंकवादी संगठन अलकायदा कमजोर नहीं हुआ है। पाकिस्तान से संचालित लश्कर-ए-तैयबा और हक्कानी नेटवर्क जैसे आतंकी समूहों के साथ उसका सहयोग जारी है। संयुक्‍त राष्‍ट्र की एक अन्‍य रिपोर्ट के मुताबिक, इस साल बीते छह महीनों में सेना और तालिबान आतंकियों के टकराव में करीब 1,366 नागरिकों की मौत हुई है जबकि 2,446 लोग घायल हुए हैं।

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