जिनपिंग से जून में मिलेंगे अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप , पुतिन से भी हो सकती है मुलाकात
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप अगले महीने चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ मुलाकात करने वाले हैं। इस दौरान वे रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से भी मुलाकात कर सकते हैं।
वाशिंगटन. पीटीआइ। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप अगले महीने चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ मुलाकात करने वाले हैं। यह मुलाकात जापान में होगी। इसकी जानकारी खुद ट्रंप ने दी है। बता दें कि दोनों देशों के बीच पिछले कुछ समय से ट्रेड वॉर जारी है। इस दौरान वे रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से भी मुलाकात कर सकते हैं।
ट्रंप ने इसकी जानकारी देते हुए कहा कि वे उम्मिद कर रहे हैं कि अगले माह जापान में G-20 मीटिंग के दौरान अपने चीनी समकक्ष शी जिनपिंग के साथ सफल मुलाकात करेंगे। इस दौरान दोनों के बीच ट्रेड वॉर को लेकर बातचीत होगी । उन्होंने यह भी कहा कि इस दौरान उनकी मुलाकात रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से भी हो सकती है।
बता दें कि पिछले शुक्रवार को ट्रंप ने 200 बिलियन यूएसडी के चीनी उत्पादों पर 10 से 25 प्रतिशत तक आयात शुल्क बढ़ा दिया था। उन्होंने 300 बिलियन यूएसडी से अधिक के शेष चीनी आयात पर भी शुल्क बढ़ा दी है।उन्होंने कहा 'हम अभी, सैकड़ों अरबों डॉलर ले रहे हैं। हम टैक्स लगाकर अरबों डॉलर ले रहे हैं । मेरे राष्ट्रपति बनने से पहले तक हमने कभी भी 10 फीसद से ज्यादा कर नहीं लगाया है। अब हम अरबों में कर वसूल रहे हैं। हमने चीन या किसी अन्य देश के साथ ऐसा पहले कभी नहीं किया है। ऐसा इसलिए क्योंकि हमने अपने सभी व्यापारिक सौदों का फायदा उठाया है।'
23 मई को भारत में चुनाव परिणाम घोषित होने के बाद G-20 शिखर सम्मेलन में भारतीय प्रधानमंत्री और ट्रंपके बीच बैठक का यह पहला अवसर होगा। हालांकि, ट्रंपने यह नहीं बता कि वे G-20 शिखर सम्मेलन के मौके पर शी और पुतिन के अलावा किसी अन्य के साथ बैठक करेंगे या नहीं। दोनों देशों के बीच तनाव के चलते पिछली बार की तरह इस बार भी सभी की निगाहें ट्रंप और जी की मुलाकात पर होगी।
मंगलवार को विदेश मंत्री माइक पोंपियों और पुतिन के मुलाकात से पहले ट्रंप ने सोमवार को कहा ' मैं पुतिन के साथ भी बैठक करूंगा। यह मुझे लगता है कि मुझसे पहले किसी राष्ट्रपति ने रूस को इतना सख्त संदेश दिया है, लेकिन ठीक इसी समय में हम रूस के साथ मिल रहे हैं।
उन्होंने कहा 'किसी ने भी मेरी तरह जर्मनी और अन्य जगहों पर जाने वाली पाइपलाइन के बारे में बात नहीं की है। मैंने कहा कि यह अमेरिका और नाटो के साथ गलत हो रहा है। ऐसा कभी भी किसी ने नहीं कहा। यदि ऊर्जा व्यवसाय की बात करे तो हम इस मामले में हम रूस और सऊदी अरब से भी आगे हैं। हम विश्व में सबसे आगे हैं।'
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