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जानिए क्यो ट्रंप को कहना पड़ा, अमेरिका में सबसे अधिक कोरोना संक्रमित मरीज होना 'सम्मान की बात'

कोरोना महामारी के बाद पहली बार व्हाइट हाउस में कैबिनेट बैठक की मेजबानी करने वाले ट्रंप ने कहा मैं निश्चित तौर पर इसे एक सम्मान के रूप में देखता हूं? ये एक अच्छी बात है।

By Dhyanendra SinghEdited By: Published: Wed, 20 May 2020 08:27 PM (IST)Updated: Thu, 21 May 2020 01:01 AM (IST)
जानिए क्यो ट्रंप को कहना पड़ा, अमेरिका में सबसे अधिक कोरोना संक्रमित मरीज होना 'सम्मान की बात'
जानिए क्यो ट्रंप को कहना पड़ा, अमेरिका में सबसे अधिक कोरोना संक्रमित मरीज होना 'सम्मान की बात'

वाशिंगटन, प्रेट्र। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा है कि अमेरिका में सबसे अधिक कोरोना संक्रमित मरीजों का होना सम्मान की बात है। उन्होंने कहा कि इसका मतलब है कि हमने किसी और से कहीं ज्यादा टेस्टिंग की है। यह अच्छी बात है, क्योंकि इससे पता चलता है कि हमारी टेस्टिंग बेहतर है। बता दें कि अमेरिका में अब तक 15 लाख से अधिक लोगों में कोरोना वायरस के संक्रमण की पुष्टि हो चुकी है और 93 हजार से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है।

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कोरोना महामारी के बाद पहली बार व्हाइट हाउस में कैबिनेट बैठक की मेजबानी करने वाले ट्रंप ने कहा, 'मैं निश्चित तौर पर इसे एक सम्मान के रूप में देखता हूं? ये एक अच्छी बात है, क्योंकि इसका मतलब यह भी है कि हमारा टेस्टिंग प्रोटोकॉल वाकई काफी बेहतर है। मैं इसे एक सम्मान के तौर पर देखता हूं।' ट्रंप उस सवाल का जवाब दे रहे थे, जिसमें उनसे पूछा गया था कि क्या वे लैटिन अमेरिक देशों, खासकर ब्राजील से यात्रा प्रतिबंधों के बारे में विचार कर रहे हैं।

विपक्षी नेताओं के बयानों की राष्ट्रपति ने की आलोचना

इस बीच ट्रंप ने यह भी कहा है कि वह लैटिन अमेरिकी देशों खासकर ब्राजील से यात्रा प्रतिबंधों पर विचार कर रहे हैं। बता दें कि ब्राजील में संक्रमित मरीजों की संख्या अमेरिका और रूस के बाद सबसे अधिक है। विपक्षी डेमोक्रेटिक नेशनल कमेटी ने राष्ट्रपति ट्रंप के इस बयान की कड़ी आलोचना की है। पार्टी ने कहा है कि अमेरिका में 15 लाख से अधिक लोगों का कोरोना वायरस से संक्रमित होना नेतृत्व के पूरी तरह असफल होने की निशानी है।

बता दें कि कोरोना महामारी से अमेरिका सर्वाधिक प्रभावित है। अब तक वहां 92 हजार से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है जबकि 15 लाख से अधिक लोग संक्रमित हैं। इस साल जनवरी में व्यापार समझौते से पहले दोनों देशों के बीच 22 महीने तक ट्रेड वार चला था। समझौते के तहत बीजिंग ने 2020-2021 में अमेरिकी उत्पादों की खरीद 200 अरब डॉलर तक बढ़ाने पर सहमति जताई थी।


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