'अगर कड़ा एक्शन नहीं लिया तो कमजोर दिखने का जोखिम', ट्रंप के इस कदम से दुविधा में चीन
अगर दुनिया भर में ट्रेड वार शुरू हुआ तो सबसे अधिक नुकसान चीन को उठाना पड़ सकता है। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने चीन कनाडा और मेक्सिको पर अपने वादे के मुताबिक टैरिफ लगाने का एलान कर दिया है। अब चीन के सामने एक दुविधा यह है कि अमेरिका को कड़ा जवाब दे या नहीं। हालांकि उसने डब्ल्यूटीओ जाने का फैसला कर लिया है।

जेएनएन, वाशिंगटन। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा शनिवार को चीन से आयात पर नए टैरिफ लगाने के निर्णय से बीजिंग के नेताओं के लिए दुविधा उत्पन्न हो गई है। शुल्क को नजरअंदाज करना बेहतर है या जवाबी कार्रवाई करना? कड़ी कार्रवाई नहीं करने से चीनी लोगों की नजर में कमजोर दिखने का जोखिम है।
चीन के घरेलू प्रचार तंत्र ने अपने देश को एक उभरती हुई शक्ति के रूप में वर्णित किया है, जबकि अमेरिका को गिरावट से पीड़ित देश के रूप में दिखाया गया है। मगर जोरदार जवाबी कार्रवाई से वैश्विक व्यापार युद्ध शुरू होने का जोखिम है, जो अमेरिका से ज्यादा चीन को नुकसान पहुंचा सकता है।
टैरिफ को चुनौती देगा चीन
चीन का व्यापार मुनाफा पिछले साल लगभग एक ट्रिलियन डॉलर तक पहुंच गया। निर्यात और नए कारखानों का निर्माण व्यावहारिक रूप से इन दिनों चीनी अर्थव्यवस्था में ताकत का एकमात्र स्त्रोत है। रविवार को चीन की शुरुआती प्रतिक्रिया सतर्क थी।

वाणिज्य मंत्रालय ने कहा कि वह विश्व व्यापार संगठन में टैरिफ को चुनौती देगा। हालांकि, डब्ल्यूटीओ का जांच पैनल अंतरराष्ट्रीय मुक्त व्यापार नियमों का उल्लंघन करने वाले देश को शर्मिंदा करने की कोशिश कर सकता है।
इसके अलावा 2019 के बाद से डब्ल्यूटीओ ने अपनी बहुत सी शक्ति खो दी है। पहले ट्रंप प्रशासन और फिर बाइडन प्रशासन ने देशों को जवाबी कार्रवाई करने के लिए अधिकृत करने की खातिर आवश्यक न्यायाधीशों की नियुक्ति को रोक दिया।
अमेरिका-मेक्सिको के बीच दशकों के जुड़ाव पर पड़ेगा असर
दुनिया के सभी प्रमुख आर्थिक साझेदारों में से अमेरिका और मेक्सिको सबसे ज्यादा जुड़े हुए हैं। दोनों देश व्यापार, पर्यटन, पारिवारिक संबंधों और संस्कृति से जुड़े हुए हैं। यह एक ऐसी निकटता है जो कभी-कभी असंतोष पैदा करती है और रिश्ते को दूर करने का प्रयास करती है, लेकिन इसके कई लाभ भी हैं।
मेक्सिको के कई व्यवसायियों का कहना है कि दोनों देशों के बीच संबंध ज्यादातर अमेरिकियों की समझ से कहीं ज्यादा गहरे हैं। टैरिफ जैसी नीतियां जो उन्हें तोड़ने की कोशिश करती हैं, दर्दनाक होंगी। इसके बावजूद दशकों पुराने जुड़ाव पर असर पड़ेगा ही।
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दुनिया की सबसे बड़ी वाणिज्यिक रियल एस्टेट कंपनियों में से एक कुशमैन एंड वेकफील्ड के प्रबंध निदेशक जुआन कार्लोस रोड्रिग्स ने कहा कि दोनों देशों के बीच पारस्परिक संबंध हैं। हमारी अर्थव्यवस्थाएं इतनी आपस में जुड़ी हुई हैं कि उन्हें अलग होने में दशकों लग जाएंगे।
कार निर्माताओं को हो सकता है नुकसान
ट्रंप द्वारा टैरिफ लगाने से लगभग सभी वाहन निर्माता परेशान होने वाले हैं। ऑटो निर्माता हर सप्ताह कनाडा और मेक्सिको की सीमा से अरबों डॉलर के तैयार ऑटोमोबाइल, इंजन और अन्य उपकरण भेजते हैं। चीन के पार्ट्स निर्माता अरबों डॉलर का आयात करते हैं। टैरिफ से अमेरिकी उपभोक्ताओं द्वारा नई कारों के लिए चुकाई जाने वाली कीमतों में वृद्धि होने की उम्मीद है।
मनरल मोटर्स पर पड़ेगा असर
टैरिफ ऐसे समय में लगाए गए हैं, जब नई कारें और ट्रक पहले से ही रिकॉर्ड कीमतों पर बिक रहे हैं। अमेरिका की सबसे बड़ी वाहन निर्माता कंपनी जनरल मोटर्स पर शायद सबसे ज्यादा असर पड़ेगा। जनरल मोटर्स मेक्सिको में किसी अन्य निर्माता की तुलना में ज्यादा वाहन बनाती है।
टैरिफ बड़ा खतरा
मिशिगन स्थित कंसल्टिंग फर्म एंडरसन इकोनमिक ग्रुप के सीईओ पैट्रिक एंडरसन ने कहा कि टैरिफ निर्माताओं और ऑटो बनाने वाले देशों के लिए टैरिफ बहुत बड़ा खतरा है। स्पष्ट रूप से उत्तरी अमेरिका में विनिर्माण इकाइयां होने के कारण जनरल मोटर्स अन्य वाहन निर्माताओं की तुलना में अधिक असुरक्षित है।

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