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रिपब्लिकन पार्टी से ट्रंप की राष्ट्रपति उम्मीदवारी पक्की, हासिल किया प्रतिनिधियों का समर्थन

रिपब्लिकन पार्टी से डोनाल्ड ट्रंप की उम्मीदवारी पक्की हो गई है। उन्हें जरूरी डेलीगेट्स का समर्थन हासिल कर लिया है।

By Ayushi TyagiEdited By: Published: Wed, 18 Mar 2020 04:47 PM (IST)Updated: Wed, 18 Mar 2020 04:47 PM (IST)
रिपब्लिकन पार्टी से ट्रंप की राष्ट्रपति उम्मीदवारी पक्की, हासिल किया प्रतिनिधियों का समर्थन
रिपब्लिकन पार्टी से ट्रंप की राष्ट्रपति उम्मीदवारी पक्की, हासिल किया प्रतिनिधियों का समर्थन

वाशिंगटन, प्रेट्र। दूसरे कार्यकाल की तैयारी में जुटे अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को रिपब्लिकन पार्टी की उम्मीदवारी मिलना तय हो गया है। उन्होंने अपने गृहराज्य फ्लोरिडा में पार्टी के प्राइमरी चुनाव में आसान जीत के साथ राष्ट्रपति उम्मीदवार बनने के लिए जरूरी डेलीगेट्स का समर्थन हासिल कर लिया है। अमेरिका में नवंबर में राष्ट्रपति चुनाव होना है।

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किसी बड़ी चुनौती का नहीं करना पड़ा सामना

ट्रंप को अपनी पार्टी से दोबारा उम्मीदवार बनने की होड़ में किसी बड़ी चुनौती का सामना नहीं करना पड़ रहा है। रिपब्लिकन पार्टी में कुल 2550 डेलीगेट्स हैं। 1276 डेलीगेट्स का समर्थन पाने वाले को पार्टी अपना उम्मीदवार बनाती है। ट्रंप को फ्लोरिडा के सभी 122 डेलीगेट्स ने अपना समर्थन दिया। इसको मिलाकर ट्रंप का समर्थन करने वाले डेलीगेट्स का आंकड़ा 1330 हो गया है। ट्रंप की उम्मीदवारी की औपचारिक घोषणा अगस्त में होगी। ट्रंप के चुनाव प्रचार अभियान के प्रमुख ब्राड पास्र्केल ने कहा, 'राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के नेतृत्व में रिपब्लिकन पार्टी पहले से कहीं ज्यादा एकजुट और ऊर्जावान हुई है।

बिडेन ने मजबूत की दावेदारी

विपक्षी डेमोक्रेटिक पार्टी में राष्ट्रपति उम्मीदवारी के लिए पूर्व उपराष्ट्रपति जो बिडेन की स्थिति और मजबूत हो गई है। उन्होंने फ्लोरिडा, इलिनॉयस और एरिजोना के प्राइमरी चुनाव में प्रतिद्वंद्वी बर्नी सैंडर्स पर बड़ी जीत दर्ज की। इस जीत से 77 वर्षीय बिडेन के समर्थक डेलीगेट्स की संख्या बढ़कर 1121 हो गई है। 78 वर्षीय सैंडर्स को अब तक 839 डेलीगेट्स का समर्थन मिला है। डेमोक्रटिक पार्टी में कुल 3979 डेलीगेट्स हैं। 1991 डेलीगेट्स का समर्थन पाने वाले को उम्मीदवारी मिलेगी। गौरतलब है कि बाइडेन तीसरी बार अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव की दौड़ में हैं। इससे पहले साल 1998 और 2008 में भी उन्हें निराशा हाथ लगी थी। जानकारी के लिए बता दें कि अमेरिका में इस साल नवंबर में नए राष्ट्रपति के लिए मतदान किया जाना है। 

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