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अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव से पहले ट्रंप की लोकप्रियता सबसे निचले स्तर पर, जानिए क्या कहते हैं आलोचक

US presidential Election एसोसिएटेड प्रेस और एनओआरसी के ताजा सर्वे में ज्यादातर लोग कोरोना वायरस के प्रकोप से निपटने में ट्रंप को नाकामयाब मानते हैं।

By Dhyanendra SinghEdited By: Published: Sun, 26 Jul 2020 09:42 PM (IST)Updated: Sun, 26 Jul 2020 09:48 PM (IST)
अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव से पहले ट्रंप की लोकप्रियता सबसे निचले स्तर पर, जानिए क्या कहते हैं आलोचक
अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव से पहले ट्रंप की लोकप्रियता सबसे निचले स्तर पर, जानिए क्या कहते हैं आलोचक

वाशिंगटन, एपी। अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव के लिए अब 100 दिन शेष हैं लेकिन मुश्किलें हैं कि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के लिए कम होने का नाम नहीं ले रहीं। चुनावी साल में ट्रंप के लिए सबसे बड़ी मुश्किल कोरोना महामारी के रूप में सामने आई है जिसमें करीब डेढ़ लाख अमेरिकी काल के गाल में समा चुके हैं। महामारी से निपटने को लेकर ट्रंप की आलोचना शुरू से हो रही है। इससे बिगड़ी अर्थव्यवस्था और पैदा हुई बेरोजगारी के अतिरिक्त अश्वेत आंदोलन ने ट्रंप की छवि पर विपरीत प्रभाव डाला है। नतीजतन, चुनाव से चंद हफ्ते पहले उनके साथ महज 32 फीसद अमेरिकी खड़े नजर आ रहे हैं। ट्रंप की लोकप्रियता का यह सबसे नीचे का आंकड़ा है।

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एसोसिएटेड प्रेस और एनओआरसी के ताजा सर्वे में ज्यादातर लोग कोरोना वायरस के प्रकोप से निपटने में ट्रंप को नाकामयाब मानते हैं। यह उनकी अलोकप्रियता का सबसे बड़ा कारण है। ट्रंप ने अपने कार्यकाल के तीन वर्षो में अमेरिका की अर्थव्यवस्था को नई मजबूती दी, इससे रोजगार बढ़े और अमेरिका की ताकत भी। लेकिन 2020 के शुरू में ही कोरोना वायरस के संक्रमण ने सारा खेल बिगाड़ दिया। अब वह डेमोक्रेटिक पार्टी के अपने प्रतिद्वंद्वी जो बिडेन से मुकाबले में पिछड़ते नजर आ रहे हैं।

ट्रंप ने कोरोना संक्रमण को लिया हल्के में

आलोचकों के अनुसार ट्रंप ने कोरोना संक्रमण को शुरुआत में हल्के में लिया। वह उसे चुटकी बजाते ही खत्म करने की बात कहते रहे। उनका यही दावा उन पर और अमेरिका पर भारी पड़ गया। कोरोना जब जंगल की आग की तरह अमेरिका में फैला, तो उसे काबू में करने के लिए ज्यादा विकल्प नहीं बचे। लॉकडाउन में नरमी और पुलिस की गोली से मरे अश्वेत से भड़के आंदोलन ने हालात को और बिगाड़ दिया। देश में कोरोना संक्रमित पहला मरीज मिलने के छह महीने बाद भी हालात काबू होते नजर नहीं आ रहे। यह स्थिति चुनाव से महज तीन महीने पहले है जिसमें ट्रंप दोबारा चुने जाने की उम्मीद पाले हुए हैं।

जो बिडेन को मिल रहा है लाभ

ऐसे में ट्रंप और उनके प्रचार में लगी टीम बिडेन की कमजोरियों पर फोकस कर रही है। लोगों का उस ओर ध्यान खींचने की कोशिश कर रही है। लेकिन बिडेन और उनकी टीम ट्रंप की विभाजनकारी नीतियों, कानून व्यवस्था से निपटने के उनके तरीके और कोविड-19 से निपटने में विफलता को प्रचारित कर रही है।


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