महाभियोग से मुक्ति के बाद भी पूरी तरह दूर नहीं हुई ट्रंप की मुश्किलें, कोर्ट का करना पड़ सकता है सामना
मिच मेककोनेल ने कहा है कि ट्रंप ने राष्ट्रपति पद के दौरान जो भी कार्य किया है उसके लिए आज भी वह उतने ही उत्तरदायी हैं। उन्होंने कहा कि कैपिटल हिल की हिंसा में डोनाल्ड ट्रंप की जिम्मेदारी तय करने के लिए सीनेट से बेहतर स्थान अदालत हो सकती है।
वाशिंगटन, एपी। पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप पर अमेरिकी संसद (कैपिटल हिल) पर हमले के मामले में चलाए गए दूसरे महाभियोग से मुक्ति के बाद उनकी मुश्किलें पूरी तरह दूर नहीं हुई हैं। पूर्व राष्ट्रपति के लिए के लिए अगला कदम अदालत भी हो सकता है।
सीनेट में अल्पसंख्यकों के नेता मिच मेककोनेल ने कहा है कि ट्रंप ने राष्ट्रपति पद के दौरान जो भी कार्य किया है, उसके लिए आज भी वह उतने ही उत्तरदायी हैं। उन्होंने कहा कि कैपिटल हिल की हिंसा में डोनाल्ड ट्रंप की जिम्मेदारी तय करने के लिए सीनेट से बेहतर स्थान अदालत हो सकती है। वह इस मामले में अपनी जिम्मेदारी से भाग नहीं सकते हैं।
उन्होंने कहा कि पांच लोगों की जान लेने वाली कैपिटल हिल की हिंसा ट्रंप के ऑफिस छोड़े जाने के बाद एक कानूनी मामले के रूप में सामने है।
पूर्व संघीय वकील और लोयोला लॉ स्कूल की प्रोफेसर लॉरी लेवेंसन का कहना है कि आपराधिक जांच में समय लगता है। कभी-कभी तो पांच साल तक लग जाते हैं। इस मामले में अब भी हर रोज नए सुबूत सामने आ रहे हैं। अभी जांच में कुछ भी कहना जल्दबाजी है। उन्होंने दो सौ से ज्यादा लोगों को गिरफ्तार किया है। ये सभी इस केस में गवाह हो सकते हैं। इनमें से कुछ तो कह रहे हैं कि ट्रंप ने ऐसा करने को कहा। लेवेंसन कहती हैं कि मुझे नहीं पता ट्रंप दंगे के समय क्या कर रहे थे, लेकिन वो उसके साजिशकर्ता हो सकते हैं। महाभियोग से सभी प्रश्नों के उत्तर नहीं मिल जाते हैं। लेकिन आपराधिक जांच में सभी सवालों के उत्तर तलाशे जाते हैं। जांचकर्ताओं के पास ज्यादा शक्ति होती है। ट्रंप ने ही 6 जनवरी को हिंसा से पहले कैपिटल हिल की तरफ मार्च करने को कहा था।
कैपिटल हिल हिंसा की जांच के लिए समर्थन बढ़ा
पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के दूसरे महाभियोग में दोषमुक्त हो जाने के बाद कैपिटल हिल हिंसा में स्वतंत्र कमीशन से जांच करने को लेकर सीनेट में समर्थन बढ़ा है। हिंसा के संबंध में जांच की योजना सीनेट रूल्स कमेटी की बैठक में तैयार हो गई है। हाउस स्पीकर नेंसी पेलोसी और डी केलिफ ने सेना के रिटायर्ड लेफ्टिनेंट जनरल रशेल होनोर को हिंसा के दौरान सुरक्षा की समीक्षा करने का जिम्मा सौंपा है। दोनों ही दलों के सांसदों ने इस संबंध में और अधिक जांच करने के लिए अपनी सहमति दी है।