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First time in US: राष्‍ट्रपति ट्रंप को पद से हटाने की प्रक्रिया हुई तेज, जानें- अब क्‍या होगा आगे

राष्‍ट्रपति ट्रंप के खिलाफ महाभियोग चलाने के प्रस्‍ताव को सीनेट ने मंजूरी दे दी है। इसको दस रिपब्लिकन सांसदों का भी समर्थन हासिल हुआ है। राष्‍ट्रपति ट्रंप अमेरिका के पहले ऐसे राष्‍ट्रपति बन गए हैं जो दूसरी बार महाभियोग प्रक्रिया का सामना करेंगे।

By Kamal VermaEdited By: Published: Thu, 14 Jan 2021 10:56 AM (IST)Updated: Fri, 15 Jan 2021 09:38 AM (IST)
First time in US: राष्‍ट्रपति ट्रंप को पद से हटाने की प्रक्रिया हुई तेज, जानें- अब क्‍या होगा आगे
दूसरी बार महाभियोग प्रक्रिया का सामना करेंगे ट्रंप

वाशिंगटन (एजेंसी)। अमेरिकी इतिहास में पहली बार ऐसा हो रहा है कि किसी राष्‍ट्रपति को दूसरी बार महाभियोग प्रक्रिया का सामना करना पड़ेगा। यही वजह है कि केपिटल बिल्डिंग हिंसा के बाद मौजूदा राष्‍ट्रपति डोनाल्‍ड ट्रंप की मुश्किलें बढ़ गई हैं। उनके ऊपर दोबारा महाभियोग चलाने के लिए कई सदस्‍यों का समर्थन मिला है। अमेरिकी प्रतिनिधि सभा राष्ट्रपति ट्रंप के खिलाफ दूसरे महाभियोग प्रस्ताव को पास कर दिया है। इसके पक्ष में जहां 232 वोट पड़े वहीं विपक्ष में 197 वोट पड़े थे।

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19 जनवरी पर लगी निगाह 

इस प्रस्‍ताव को रिपब्लिकन पार्टी के दस सांसदों का भी समर्थन हासिल हुआ है। इसके बाद अब सीनेट में 19 जनवरी को इस प्रस्‍ताव को रखा जाएगा। कॉकस के कई सदस्‍य चाहते हैं कि ये प्रक्रिया जल्‍द से जल्‍द शुरू की जाए। स्‍पीकर नैंसी पेलोसी ने 9 महाभियोग मैनेजर को नियुक्‍त किया है जो ट्रंप के मामले में बहस करेंगे। महाभियोग की इस प्रक्रिया को इस वजह से भी तेज किया गया है क्‍योंकि उप-राष्‍ट्रपति माइक पेंस ने केपिटल बिल्डिंग की घटना के बाद संविधान के 25वें संशोधन का इस्‍तेमाल करते हुए ट्रंप का पद से हटाने से साफ इनकार कर दिया है।

संविधान का 25वां संशोधन

अमेरिकी संविधान का 25वां संशोधन उप-राष्‍ट्रपति को ये अधिकार देता है कि यदि राष्‍ट्रपति अपने कर्तव्‍यों और उत्‍तरदायित्‍वों का निर्वाहन करने में नाकाम रहता है तो वो कैबिनेट की मंजूरी और सदन के दो तिहाई बहुमत के साथ राष्‍ट्रपति को पद से हटाकर सत्‍ता अपने हाथों में ले सके। प्रतिनिधि सभा की स्‍पीकर समेत अन्‍य कई सांसदों ने भी माइक पेंस से इस विकल्‍प का इस्‍तेमाल करते हुए ट्रंप को हटाने की अपील की थी, जिसको पेंस ने ठुकरा दिया था। इसके बाद ही ट्रंप पर महाभियोग की प्रक्रिया को तेज किया गया है।

अमेरिकी लोकतंत्र के लिए खतरा बने ट्रंप  

अमेरिका के कई रिपब्लिकन और डेमोक्रेट सीनेटर इस बात को मानते हैं कि मौजूदा राष्‍ट्रपति डोनाल्‍ड ट्रंप अमेरिकी लोकतंत्र के लिए खतरा बन गए हैं। लिहाजा उन्‍हें जल्‍द से जल्‍द पद से हटाना ही सही है। अधिकतर सांसद केपिटल बिल्डिंग हिंसा के लिए भी ट्रंप को ही दोषी भी मानते हैं। इस बीच निवर्तमान राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने मौजूदा प्रक्रिया पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि उन्‍हें 25वें संशोधन से कोई खतरा नहीं है। हालांकि भविष्‍य में बाइडन के लिए इसका खतरा जरूर होगा। उन्‍होंने ये भी कहा है कि देश में अभिव्यक्ति की आजादी को पहले कभी इतना बड़ा खतरा पैदा नहीं हुआ था जितना अब हुआ है।

ट्रंप से अलग पेंस का बयान 

हालांकि माइक पेंस ने ये भी साफ कर दिया है कि जो बाइडन को देश की जनता ने चुना है और मौजूदा राष्‍ट्रपति को इस बात का अधिकार नहीं है कि वो इसको चुनौती दे सकें। आपको बता दें कि इस 20 जनवरी को नए राष्‍ट्रपति के तौर पर जो बाइडन शपथ हासिल करने वाले हैं। आपको यहां पर ये भी बता दें कि यदि सीनेट ने उन्‍हें दोषी मानने पर अपनी मुहर लगाई तो ऐसी सूरत में ट्रंप को बर्खास्‍त कर दिया जाएगा। हालांकि इस बारे में मिच मैककॉनेल का कहना है कि ट्रंप के पद छोड़ने से पहले वो इस पर आगे कदम नहीं बढ़ाएंगी। यदि उन्‍हें दोषी माना गया तो फिर उन्‍हें पद से हटाने के लिए दोबारा वोटिंग करवानी होगी।

बचा है कम समय

हालांकि ट्रंप के खिलाफ किसी भी तरह की कार्रवाई के लिए अब केवल एक सप्‍ताह का ही समय बचा है। ऐसे में पेंस के पास इस बात का विकल्‍प खुला है कि वो ट्रंप को पद से हटाकर खुद सत्‍ता अपने हाथों लें और बाद में उन्‍हें माफी दे दें। अमेरकी पूर्व राष्‍ट्रपति निक्‍सन को भी इसी तरह से माफी दी गई थी। उन्‍होंने महाभियोग प्रक्रिया के शुरू होने से पहले ही इस्‍तीफा दे दिया था। बाद में कार्यकारी राष्‍ट्रपति ने उन्‍हें माफी दे दी थी। आपको यहां पर ये भी बताना जरूरी होगा कि ट्रंप पर इससे पहले जब महाभियोग लाया गया था तब सीनेट में उनके ऊपर लगे आरोपों को खारिज कर दिया था। इसकी वजह से ये कार्रवाई आगे नहीं बढ़ सकी थी।


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