रूस और तुर्की पर प्रतिबंधों के रक्षा विधेयक को डोनाल्ड ट्रंप ने दी मंजूरी
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने रूस और तुर्की के खिलाफ प्रतिबंध के प्रावधान वाले 738 अरब डॉलर (करीब 52 लाख करोड़ रुपये) के रक्षा विधेयक को मंजूरी प्रदान कर दी।
वाशिंगटन, आइएएनएस। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने रूस और तुर्की के खिलाफ प्रतिबंध के प्रावधान वाले 738 अरब डॉलर (करीब 52 लाख करोड़ रुपये) के रक्षा विधेयक को मंजूरी प्रदान कर दी। राष्ट्रीय रक्षा प्राधिकरण कानून (एनडीएए) 2020 को मंजूरी प्रदान करने के साथ ही अमेरिकी सैन्य खर्च में लगभग 20 अरब डॉलर (डेढ़ लाख करोड़ रुपये) की वृद्धि का रास्ता साफ हो गया है। इस विधेयक पर शुक्रवार रात वाशिंगटन के निकट ज्वाइंट बेस एंड्रूज पर हस्ताक्षर किए गए।
नार्ड स्ट्रीम 2 और तुर्कस्ट्रीम पर लगेगा प्रतिबंध
विधेयक में कहा गया है कि एनडीएए रूसी ऊर्जा पाइपलाइनों वाली परियोजना नार्ड स्ट्रीम 2 और तुर्कस्ट्रीम पर प्रतिबंध लगाकर यूरोपीय ऊर्जा की जरूरतों की रक्षा करेगा। विधेयक में तुर्की द्वारा रूस के एयर डिफेंस सिस्टम एस-400 के अधिग्रहण के खिलाफ उसे अमेरिकी नेतृत्व वाले एफ-35 लड़ाकू जेट कार्यक्रम से बाहर रखने के फैसले को दोबारा लागू किया गया है।
बता दें कि रूस के विदेश मंत्री सर्गेइ लेवरोव ने पिछले सप्ताह वाशिंगटन में कहा था कि ना तो नार्ड स्ट्रीम 2 और ना ही तुर्कस्ट्रीम परियोजना को बंद किया जाएगा। दरअसल, एनडीएए विवेकाधीन कोष के तहत अमेरिकी रक्षा मुख्यालय पेंटागन के लिए लगभग 635 अरब डॉलर (45 लाख करोड़ रुपये) के बजट की व्यवस्था करता है। इतना ही नहीं इसमें 3.1 फीसद वेतन वृद्धि भी शामिल है, जो एक दशक में सबसे ज्यादा है। बिल में स्पेस फोर्स (अंतरिक्ष सेना) की स्थापना भी शामिल है।
रूस और जर्मनी ने परियोजना पूरी करने की प्रतिबद्धता दोहराई
रूस ओर तुर्की के खिलाफ प्रतिबंध लगाए जाने वाले विधेयक को मंजूरी देने के बाद शुक्रवार को जर्मनी के विदेश मंत्री हीको मास ने अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोंपियो से फोन पर बात की और इस मुद्दे पर चर्चा की। विदेश विभाग के प्रवक्ता मार्गन ऑर्टागस ने कहा कि पोंपियो ने दोनों परियोजनाओं के खिलाफ कड़ा प्रतिरोध दर्ज कराया है।
हालांकि इसके बावजूद रूस और जर्मनी ने नार्ड स्ट्रीम 2 परियोजना को पूरा करने की अपनी प्रतिबद्धताओं की फिर से पुष्टि की है। बता दें कि पिछले सप्ताह जर्मन-रूसी चैंबर ऑफ कॉमर्स ने जोर देकर कहा था कि ऊर्जा सुरक्षा के लिए दोनों ही परियोजनाएं महत्वपूर्ण हैं और अगर विधेयक को मंजूरी मिलती है तो अमेरिका के खिलाफ जवाबी प्रतिबंध लगाए जाने चाहिए।
अमेरिका बनाएगा अपनी अंतरिक्ष सेना
रूस और चीन से 21वीं सदी में मिलने वाली रणनीतिक चुनौती से निपटने के लिए अमेरिका ने रक्षा विभाग के तहत एक अंतरिक्ष सेना के निर्माण को मंजूरी प्रदान कर दी है। यह सेना की पांच अन्य शाखाओं की तरह काम करेगा। राष्ट्रीय रक्षा प्राधिकरण कानून (एनडीएए) 2020 पर दस्तखत के दौरान ट्रंप ने वहां मौजूद सैन्य अफसरों से कहा था कि भविष्य में अंतरिक्ष नया युद्धक्षेत्र बनेगा और इसके लिए हमें तैयार रहना होगा।