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अमेरिका ने फिर छेड़ा भारत पर काटसा के तहत कार्रवाई का राग, प्रतिबंध लगाने के दिए संकेत

अमेरिका ने दो साल पहले रूस के साथ एस-400 एयर डिफेंस सिस्टम की खरीद पर फिर से काटसा कानून के तहत भारत पर प्रतिबंध लगाने का राग अलापा है।

By Krishna Bihari SinghEdited By: Published: Thu, 21 May 2020 08:39 PM (IST)Updated: Thu, 21 May 2020 08:39 PM (IST)
अमेरिका ने फिर छेड़ा भारत पर काटसा के तहत कार्रवाई का राग, प्रतिबंध लगाने के दिए संकेत
अमेरिका ने फिर छेड़ा भारत पर काटसा के तहत कार्रवाई का राग, प्रतिबंध लगाने के दिए संकेत

वाशिंगटन, पीटीआइ। भारत के साथ अमेरिका भले ही दोस्ती का दम भरता हो लेकिन रह-रहकर धमकाने वाला रवैया भी दिखा देता है। दो साल पहले रूस के साथ एस-400 एयर डिफेंस सिस्टम की खरीद पर अमेरिका ने फिर से काटसा कानून के तहत भारत पर प्रतिबंध लगाने के संकेत दिए हैं। इस कानून के साथ रूस के साथ किसी भी तरह की रक्षा खरीद या खुफिया जानकारियों को साझा करने पर अमेरिका संबंधित देश पर प्रतिबंध लगा सकता है। ट्रंप प्रशासन ने अभी तक भारत पर कोई कार्रवाई नहीं की है।

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इसलिए चिढ़ा है अमेरिका

अक्टूबर 2018 में भारत ने रूस के साथ पांच अरब डॉलर (करीब 40 हजार करोड़ रुपये) में एयर डिफेंस सिस्टम की पांच बैटरी खरीदने का सौदा किया था। यह डिफेंस सिस्टम दुनिया का सर्वोत्तम सिस्टम माना जाता है। अमेरिका ने इस सौदे को रोकने के लिए हर संभव प्रयास किए लेकिन वह भारत सरकार का मन बदल नहीं पाया। अब जबकि कुछ महीनों में भारत को रूस से पहली बैटरी मिलने वाली है, अमेरिका ने फिर से काटसा के तहत भारत पर कार्रवाई का राग छेड़ दिया है।

क्‍या है कटासा

अमेरिका इसी माह रिटायर हो रहीं दक्षिण-मध्य एशिया मामलों की सहायक विदेश मंत्री एलिस वेल्स ने कहा है कि काटसा रूसी सैन्य क्षमताओं को नियंत्रित करने वाला कानून है। यह उन सभी सौदों पर रोक लगाता है जिनसे रूस को आर्थिक लाभ होता है और वह प्राप्त धनराशि को और हथियार विकसित करने पर खर्च करता है। इससे उसके पड़ोसी देशों की स्वतंत्रता और संप्रभुता पर नकारात्मक असर होता है।

दंडित करने का प्रावधान भी

इस कानून में रूस को सौदों के लिए रोकने के साथ ही खरीद करने वाले देशों को भी दंडित करने का प्रावधान है। थिंक टैंक द्वारा आयोजित कार्यक्रम में एक सवाल के जवाब में एलिस ने कहा कि एस-400 सिस्टम की खरीद के लिए भारत के खिलाफ कार्रवाई का प्रस्ताव अभी टेबिल पर है। वह विचार की प्रक्रिया में है। कार्रवाई का प्रस्ताव रद नहीं किया गया है।

अमेरिका से भी रक्षा व्‍यापार बढ़ा

रूस के साथ भारत का यह सौदा अमेरिका के सर्वोत्कृष्ट संवेदनशील तकनीक के भारत को हस्तांतरण की राह में बाधा के समान है। अमेरिका और भारत का रक्षा व्यापार 20 अरब डॉलर (करीब डेढ़ लाख करोड़ रुपये) को पार कर चुका है। भारत को मानवरहित मिसाइल युक्त ड्रोन जैसा अत्याधुनिक रक्षा उपकरण देने का प्रस्ताव भी दिया जा चुका है। ऐसे में काटसा को लेकर प्रस्ताव भी समीचीन हो जाता है। वैसे भी प्रशासनिक पद पर कार्यरत वेल्स 22 मई को रिटायर हो रही हैं।


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