मोटापे से बढ़ता है महिलाओं में अवसाद का खतरा
महिलाओं के शरीर में न्यूरो एक्टिव एस्टेरॉयड एलोप्रेगनॉनोलोन या एलो के कारण वह अच्छा और सकारात्मक महसूस करती हैं।
अमेरिका (आइएएनएस)। जो महिलाएं मोटापे या एनोरोक्सिया (अत्यधिक दुबलापन या मोटे होने का डर) से पीड़ित हैं उनमें अवसाद से ग्रसित होने की संभावना अधिक रहती है। महिलाओं के शरीर में न्यूरो एक्टिव एस्टेरॉयड एलोप्रेगनॉनोलोन या एलो के कारण वह अच्छा और सकारात्मक महसूस करती हैं। दोनोें परिस्थितियों में एलो एस्टेरॉयड की कमी होने से महिलाएं अवसाद या अन्य तरह के मनोरोग से ग्रसित हो सकती हैं।
शिकागो यूनिवर्सिटी के शोध में पाया गया कि एनोरॉक्सिया से पीड़ित महिलाओं के रक्त में एलो की मात्रा सामान्य वजनी महिलाओं के मुकाबले 50 प्रतिशत और मोटापे से पीड़ित महिलाओं में एलो की मात्रा 60 प्रतिशत तक कम थी। एलो की मात्रा कम होने से अवसाद होने का खतरा बढ़ता है।
शोध में 18.5, 19 से 24 और 25 से अधिक बॉडी मास इंडेक्स (लंबाई- वजन का अनुपात) वाली महिलाओं के साथ एनोरेक्सिया और मोटापे से पीड़ित महिलाओं को शामिल किया गया था। शोधकर्ताओं ने कहा कि शोध से हार्मोनल और मूड डिसऑर्डर के कारणों को जानने में आसानी होगी।
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