Move to Jagran APP

समूह-4 की मांग, यूएनएससी में सुधार के लिए संयुक्त राष्ट्र महासभा के नियमों का हो अनुपालन

संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) में सुधार को लेकर अंतर सरकारी वार्ता के प्रारूप को तभी बचाया जा सकता है जब वार्ता की विषय-वस्तु एक हो और प्रक्रिया में संयुक्त राष्ट्र महासभा के नियमों का अनुपालन किया जाए।

By Bhupendra SinghEdited By: Published: Tue, 26 Jan 2021 07:42 PM (IST)Updated: Tue, 26 Jan 2021 07:42 PM (IST)
समूह-4 की मांग, यूएनएससी में सुधार के लिए संयुक्त राष्ट्र महासभा के नियमों का हो अनुपालन
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में सुधार पर बनी अंतर सरकारी वार्ता की पहली बैठक।

संयुक्त राष्ट्र, प्रेट्र। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) में सुधार को लेकर अंतर सरकारी वार्ता के प्रारूप को तभी बचाया जा सकता है जब वार्ता की विषय- वस्तु एक हो और प्रक्रिया में संयुक्त राष्ट्र महासभा के नियमों का अनुपालन किया जाए। यह बात भारत और जी-4 समूह के तीन अन्य देशों ब्राजील, जापान और जर्मनी ने कही। बता दें कि ये सभी देश यूएनएससी में स्थायी सदस्यता की लंबे समय से मांग कर रहे हैं।

loksabha election banner

सुधार के लिए संयुक्त राष्ट्र महासभा के नियमों का हो अनुपालन

महासभा के 75वें सत्र में सुरक्षा परिषद में सुधार पर बनी अंतर सरकारी वार्ता (आइजीएन) की पहली बैठक सोमवार को हुई। बैठक के दौरान जी-4 के सदस्य देशों ने कहा कि आइजीएन के प्रारूप को बचाने के लिए विषय-वस्तु पर आधारित वार्ता की जरूरत है, जिसमें सदस्य देशों द्वारा न केवल पिछले 12 साल में अपनाए गए रुख प्रतिबिंबित हों बल्कि संयुक्त राष्ट्र महासभा की प्रक्रिया का भी अनुपालन हो।

जर्मनी ने कहा- यदि महासभा के नियमों पर चर्चा नहीं होती तो आइजीएन का महत्व खत्म हो जाएगा

जी-4 समूहों की तरफ से संयुक्त राष्ट्र में जर्मनी के स्थायी प्रतिनिधि क्रिस्टोफ ह्यूजेन ने कहा, 'अगर इस वर्ष इन दो चीजों को हासिल नहीं किया जा सकता है तो आइजीएन का महत्व हमारे लिए खत्म हो जाएगा।' उन्होंने रेखांकित करते हुए कहा कि अगर इस वर्ष आइजीएन की चौथी बैठक से पहले एक भी दस्तावेज और महासभा के नियमों पर चर्चा नहीं होती है तो बहस को एक बार फिर महासभा में स्थानांतरित करना होगा। जिसके लिए संयुक्त राष्ट्र के कई सदस्य देशों का मजबूत समर्थन हासिल है।

जी-4 समूह की मांग, महासभा के नियमों पर आधारित वार्ता को फिर शुरू करना होगा

उन्होंने कहा, 'हमारा दृढ़ विश्वास है कि अगर बहस को एक नई दिशा देनी है तो संयुक्त राष्ट्र महासभा के नियमों पर आधारित बातचीत को फिर शुरू करना होगा। जी-4 समूह इसके लिए आपके साथ पूरी पारदर्शिता के साथ काम करने को तैयार है।'


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.