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कोविड-19 के चलते लंबी खिंच सकती है टीबी से जंग, पढ़ें अध्ययन में सामने आइ बातें

अध्ययन में पाया गया कि कोरोना महामारी की रोकथाम के लिए लगाए गए लॉकडाउन से गरीब लोग प्रभावित हो रहे हैं।

By Nitin AroraEdited By: Published: Fri, 08 May 2020 08:47 AM (IST)Updated: Fri, 08 May 2020 08:47 AM (IST)
कोविड-19 के चलते लंबी खिंच सकती है टीबी से जंग, पढ़ें अध्ययन में सामने आइ बातें
कोविड-19 के चलते लंबी खिंच सकती है टीबी से जंग, पढ़ें अध्ययन में सामने आइ बातें

वॉशिंगटन, पीटीआइ। कोरोना वायरस (कोविड-19) से जूझ रही दुनिया के सामने स्वास्थ्य मोर्चे पर कई चुनौतियां खड़ी हो रही हैं। अब एक नए अध्ययन में पाया गया है कि इस महामारी के चलते टीबी रोग से जंग पांच साल से ज्यादा लंबी खिंच सकती है। कोरोना महामारी के कारण वर्ष 2025 तक टीबी से 14 लाख अतिरिक्त लोगों की मौत और करीब 63 लाख के संक्रमित होने का खतरा बढ़ गया है। फिलहाल टीबी से हर साल करीब एक करोड़ लोग प्रभावित होते हैं।

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शोधकर्ताओं के अनुसार, यह रिपोर्ट टीबी से ज्यादा प्रभावित तीन देशों केन्या, भारत और यूक्रेन के डाटा के विश्लेषण के आधार पर तैयार की गई है। केन्या की गिनती उन देशों में होती है, जहां टीबी के सर्वाधिक मामले हैं। इस अफ्रीकी देश में हर एक लाख की आबादी में 558 लोगों के टीबी पीडि़त होने का अनुमान है।

अध्ययन में पाया गया कि कोरोना महामारी की रोकथाम के लिए लगाए गए लॉकडाउन से गरीब लोग प्रभावित हो रहे हैं। इनमें से कई अपने घरों में सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों का पालन नहीं कर रहे। इसका मतलब यह हुआ कि उनमें टीबी संक्रमण का उच्च खतरा हो सकता है क्योंकि आवाजाही पर रोक के कारण उपचार भी नहीं मिल पा रहा है। टीबी अस्पतालों में इस समय कोरोना की टेस्टिंग और पीडि़तों का उपचार चल रहा है। ब्रिटेन के इंपीरियल कॉलेज लंदन के एसोसिएट प्रोफेसर निमलान एरिनामिनपैथी ने कहा, 'सख्त लॉकडाउन का दीर्घकालीन प्रभाव इस रूप में देखने को मिल सकता है।' 


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