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    कोरोना के अल्फा, डेल्टा वैरिएंट को प्रभावी ढंग से बेअसर करती है भारत की कौवैक्सीन- शीर्ष अमेरिकी संस्था का दावा

    By Shashank PandeyEdited By:
    Updated: Wed, 30 Jun 2021 12:48 PM (IST)

    भारतीय कोरोना वैक्सीन कोवैक्सीन पर बड़े दावे को अमेरिका ने दी मंजूरी। अमेरिकी संस्था NIH ने कहा कि भारत की कोरोना वैक्सीन कोवैक्सीन(Covaxin) अल्फा और डेल्टा वेरिएंट पर भी प्रभावी है। भारत के NIV ने दावा किया था कि कोवैक्सीन कोरोना के हर वेरिएंट को नष्ट करने में सक्षम है।

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    कोवैक्सीन पर भारत के बड़े दावे को अमेरिका की मुहर।(फोटो: रायटर)

    वॉशिंगटन, आइएएनएस। भारत की स्वदेशी कोरोना वैक्सीन कोवैक्सीन(COVAXIN) पर अमेरिका ने मुहर लगा दी है। अमेरिका के राष्ट्रीय स्वास्थ्य संस्थान (एनआईएच) ने कहा है कि भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के सहयोग से भारत बॉयोटेक द्वारा विकसित कोवैक्सीन कोरोना वायरस के अल्फा और डेल्टा वैरिएंट को प्रभावी तरीके से बेअसर करती है।

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    एनआईएच ने कहा कि कोवैक्सीन लगवाने वाले लोगों के रक्त सीरम के दो अध्ययनों के परिणाम बताते हैं कि यह टीका ऐसे एंटीबॉडी विकसित करता है, जो सार्स-कोव-2 के बी.1.1.7 (अल्फा) और बी.1.617 (डेल्टा) स्वरूपों को प्रभावी तरीके से बेअसर करते हैं, ये स्वरूप सबसे पहले क्रमश: ब्रिटेन और भारत में पाए गए थे।

    शीर्ष अमेरिकी स्वास्थ्य अनुसंधान संस्थान ने कहा कि उसकी वित्तीय मदद से विकसित एक सहायक औषधि ने अत्यधिक प्रभावशाली कोवैक्सीन की सफलता में योगदान दिया है, जिसे भारत एवं अन्य स्थानों में अब तक लगभग दो करोड़ 50 लाख लोगों को लगाया जा चुका है। सहायक औषधियां प्रतिरक्षा क्षमता और टीके की प्रभावशीलता को बढ़ाने के लिए उसके हिस्से के रूप में तैयार की जाती हैं।

    एनआईएच ने बताया कि कोवैक्सीन में सार्स-सीओवी-2 के एक अक्षम रूप को शामिल किया गया है जो अपनी प्रति नहीं बना सकता, लेकिन वायरस के खिलाफ एंटीबॉडी बनाने के लिए प्रतिरक्षा प्रणाली को सक्रिय करता है। उसने कहा कि टीके के दूसरे चरण के परीक्षण के प्रकाशित परिणाम बताते हैं कि यह सुरक्षित है। उसने बताया कि कोवैक्सीन के तीसरे चरण के परीक्षण के सुरक्षा संबंधी आंकड़े इस साल के अंत में उपलब्ध हो जाएंगे।

    उसने कहा, ‘‘इस बीच, तीसरे चरण के परीक्षण के अप्रकाशित अंतरिम परिणाम से संकेत मिलता है कि यह टीका लक्षण वाले संक्रमण के खिलाफ 78 प्रतिशत प्रभावशाली है। यह गंभीर कोरोना वायरस संक्रमण के खिलाफ 100 प्रतिशत प्रभावशाली और और बिना लक्षण वाले संक्रमण के खिलाफ 70 प्रतिशत प्रभावशाली है।’’

    एनआईएच के हिस्से ‘एलर्जी एवं संक्रामक रोगो के राष्ट्रीय संस्थान (एनआईएआईडी)’ के निदेशक एंथनी एस फाउची ने कहा कि एक वैश्विक महामारी को समाप्त करने के लिए वैश्विक स्तर पर कदम उठाने की आवश्यकता है।