अमेरिकी नागरिकता के लिए शुल्क वृद्धि पर कोर्ट की रोक, तीन दिन बाद होना था 20 प्रतिशत का इजाफा
एक संघीय न्यायाधीश ने नागरिकता और अन्य आव्रजन सुविधाओं के लिए भारी शुल्क वृद्धि पर रोक लगा दी है। अमेरिका में औसतन 20 प्रतिशत की शुक्ल वृद्धि को तीन दिन बाद से लागू होना था। पिछले साल कयास लगाए जाने लगे थे कि US की नागरिकता पाना अब महंगा होगा।
सैन डिएगो, एपी। अमेरिका में एक संघीय न्यायाधीश ने नागरिकता और अन्य आव्रजन सुविधाओं के लिए भारी शुल्क वृद्धि पर रोक लगा दी है। औसतन 20 प्रतिशत की शुक्ल वृद्धि को तीन दिन बाद से लागू होना था।अमेरिकी जिला जज जेफरी व्हाइट ने कहा कि ऐसा प्रतीत होता है कि होमलैंड सिक्योरिटी डिपार्टमेंट के पिछले दो प्रमुख गैरकानूनी रूप से नियुक्त किए गए थे।
अप्रैल 2019 में कर्स्टजेन नीलसन ने इस्तीफा दिया तो केविन मैकलीलन को गलत तरीके से कार्यवाहक मंत्री नियुक्त किया गया। जज ने कहा कि उस वक्त मैकलीनन कार्यभार संभालने के क्रम में नियमानुसार सातवें नंबर पर थे। इसी तरह, नवंबर 2019 में मैकलीनन के इस्तीफा देने के बाद कार्यवाहक मंत्री बने चॉड वुल्फ को भी समय से पहले प्रोन्नति दी गई। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने 10 सितंबर को वुल्फ को नामित किया था, लेकिन सीनेट ने उनके नाम पर मुहर नहीं लगाई है। अमेरिका में यही एजेंसी नागरिकता, ग्रीन कार्ड और अस्थायी वर्क परमिट जारी करने का जिम्मा संभालती है।
बता दें कि पिछले साल से ही कयास लगाए जाने लगे थे कि अमेरिका की नागरिकता पाना अब बेहद महंगा होने वाला है। ट्रंप प्रशासन ने नागरिकता फीस में भारी बढ़ोतरी का प्रस्ताव रखा था। प्रशासन की दलील थी कि नागरिकता संबंधी सेवाएं मुहैया कराने की पूरी लागत मौजूदा शुल्क से वसूल नहीं हो पाती। ट्रंप प्रशासन ने एच-1बी वीजा के आवेदन शुल्क में भी दस डॉलर (करीब 700 रुपये) की वृद्धि की थी। यह वीजा भारतीय आइटी पेशेवरों में खासा लोकप्रिय है।
शिन्हुआ न्यूज एजेंसी ने अमेरिका के गृह सुरक्षा विभाग (डीएचएस) के हवाले से खबर दी थी कि डीएचएस ने अमेरिकी सिटिजनशिप एंड इमीग्रेशन सर्विसेज (यूएससीआइएस) की ओर से लगाए जाने वाले आव्रजन और नागरिकता लाभ के आवेदन शुल्क को बढ़ाने का प्रस्ताव रखा था।