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महिलाओं से जुड़ी है देश की प्रगति, महिलाएं हैं सशक्त तभी विकास की रफ्तार होगी तेज

अध्ययन के मुताबिक जिन देशों में महिला अधिकारों की रक्षा की जाती है वहां निश्चित तौर पर विकास अन्य देशों के मुकाबले ज्यादा तेजी से होगा।

By Manish PandeyEdited By: Published: Sat, 20 Jul 2019 09:23 AM (IST)Updated: Sat, 20 Jul 2019 09:34 AM (IST)
महिलाओं से जुड़ी है देश की प्रगति, महिलाएं हैं सशक्त तभी विकास की रफ्तार होगी तेज
महिलाओं से जुड़ी है देश की प्रगति, महिलाएं हैं सशक्त तभी विकास की रफ्तार होगी तेज

न्यूयॉर्क, आइएएनएस। किसी भी देश की प्रगति उसके नागरिकों के स्वास्थ्य पर निर्भर करती है। हाल ही में प्रकाशित हुए एक अध्ययन में शोधकर्ताओं ने किसी भी देश की प्रगति का मुख्य आधार ‘महिलाओं के अधिकारों’ को बताया है। शोधकर्ताओं का मानना है कि जिन देशों में महिला अधिकारों की रक्षा की जाती है और उन्हें बिना किसी भेदभाव के काम की आजादी दी जाती है, वहां निश्चित तौर पर विकास अन्य देशों के मुकाबले ज्यादा तेजी से होगा और ज्यादा लोग स्वस्थ रहेंगे।

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‘बीएमजे ओपन’ में प्रकाशित अध्ययन में यह बताया गया है कि अधिकांश गरीब देश इसीलिए पिछड़े हैं क्योंकि वहां लोग महिलाओं के अधिकारों के प्रति उदासीन हैं। शोधकर्ताओं ने कहा कि अध्ययन के परिणाम इस बात की पुष्टि करते हैं कि यदि किसी देश के पास संसाधनों की कमी है लेकिन वहां मानव अधिकारों की संरचना मजबूत है तो निश्चित रूप से वहां के लोगों का स्वास्थ्य बेहतर होगा। शोधकर्ताओं ने कहा कि इस अध्ययन का उद्देश्य यह पता करना था कि क्या महिलाओं के अधिकारों की सुरक्षा स्वास्थ्य में सुधार और सतत विकास के बीच एक कड़ी हो सकती है। इस अध्ययन के लिए शोधकर्ताओं ने वर्ष 2004-2010 के बीच 162 देशों के स्वास्थ्य, मानव अधिकारों के साथ-साथ आर्थिक और सामाजिक अधिकारों के डाटाबेस का विश्लेषण किया।

शोधकर्ताओं ने कहा कि आंकड़ों के विश्लेषण से पता चला है कि मजबूत आर्थिक और सामाजिक अधिकारों का संबंध बेहतर स्वास्थ्य परिणामों से जुड़ा हुआ है। सशक्त महिला अधिकारों वाले देशों में अन्य की तुलना में लोगों का स्वास्थ्य बेहतर मिला। शोधकर्ताओं ने कहा कि हमें विकास को सीमित करने के बजाय मानव अधिकारों और महिलाओं के आर्थिक और सामाजिक अधिकारों को सशक्त करने की जरूरत है, इसका लाभ देश के हर नागरिक को मिल सकता है।

सर्वेक्षण में दावा, अपनी पसंद की नौकरी चुन रही हैं महिलाएं

नई दिल्ली, आइएएनएस : एक नए सर्वेक्षण में दावा किया गया है कि महानगरों में रहने वाली अधिकांश भारतीय महिलाओं को लगता है कि वह जिन क्षेत्रों में काम करने में पहले हिचकिचाती थीं, अब उन क्षेत्रों में अपना करियर बना सकती हैं। 50 फीसद महिलाएं ऐसी हैं, जिन्होंने अपनी मर्जी से नौकरी का चुनाव किया है। यह अध्ययन एक स्किनकेयर कंपनी ने किया है। इस अध्ययन में शोधकर्ताओं ने देश के महानगरों में रह रहीं 18 से 35 आयु वर्ग की एक हजार महिलाओं को शामिल किया। यह अध्ययन बताता है कि अपने काम के प्रति महिलाओं की धारणा धीरे-धीरे बदल रही है। सर्वेक्षण में बताया गया है कि 85 फीसद से ज्यादा महिलाएं ऐसी हैं जो अपना व्यवसाय शुरू करना चाहती हैं, लेकिन महज 58 फीसद महिलाएं ही अब तक अपना काम शुरू कर पाई हैं। 10 फीसद महिलाओं को लगता है कि उन्हें उतना वेतन मिल रहा है, जिसके वे योग्य हैं। 10 में से 9 महिलाओं को लगता है कि वह दफ्तरों में वह अपनी बात आसानी से रख पाती हैं।


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