Coronavirus Vaccine News: फाइजर-बायोएनटेक की वैक्सीन का ट्रायल शुरू, अमेरिका-जर्मनी मिलकर बनाएंगे टीका
Coronavirus Vaccine News दोनों देश कोरोना से मुकाबले के लिए जल्द से जल्द एक दमदार वैक्सीन उपलब्ध कराना चाहते हैं। फिलहाल इसका ट्रायल शुरू हो चुका है।
न्यूयॉर्क, आइएएनएस। अमेरिका स्थित फाइजर और जर्मनी की बायोटेक फर्म बायोएनटेक ने कोरोना के निदान के लिए संयुक्त रूप से विकसित वैक्सीन का ट्रायल शुरू कर दिया है। दूसरे और तीसरे चरण के इन परीक्षणों में 18 से 85 वर्ष उम्र के 30 हजार लोग भाग लेंगे। कंपनियों की ओर से सोमवार को बताया गया कि वैक्सीन बीएनटी162बी2 को तेजी से विकसित करने के लिए हाल ही में अमेरिकी फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (एफडीए) ने मंजूरी दी है। वैक्सीन के दूसरे और तीसरे चरण के परीक्षण में एफडीए के सारे प्रोटोकॉल का पालन किया जाएगा।
फाइजर की वाइस प्रेसीडेंट और कंपनी की वैक्सीन रिसर्च एंड डेवलपमेंट की प्रमुख कैथरीन जानसेन ने एक बयान में बताया कि परीक्षण के लिए बीएनटी162बी 2 का हमारा चयन एक व्यापक, सहयोगी और अभूतपूर्व शोध एवं विकास कार्यक्रम का हिस्सा है। फाइजर और बायोएनटेक ने पिछले सप्ताह घोषणा की थी कि अमेरिकी सरकार ने 10 करोड़ खुराक के लिए 1.95 अरब डालर का भुगतान करने पर सहमति व्यक्त की है। इस मामले में बायोएनटेक के सीईओ और सह-संस्थापक उगुर साहिन ने कहा कि दूसरे-तीसरे चरण का परीक्षण शुरू करना एक बड़ी उपलब्धि है। हम लोग कोरोना से मुकाबले के लिए जल्द से जल्द एक दमदार वैक्सीन उपलब्ध कराना चाहते हैं।
2021 मध्य तक उपलब्ध होगी वैक्सीन
इस बीच जर्मनी के अनुसंधान मंत्री अंजा कार्लाइसेक ने बुधवार को कहा कि कोरोना वायरस वैक्सीन अगले साल के मध्य से पहले व्यापक रूप से उपलब्ध होने की संभावना नहीं है। उन्होंने एक समाचार सम्मेलन में कहा कि हमें यह मानकर चलना चाहिए कि व्यापक आबादी के लिए टीके केवल अगले साल के मध्य से उपलब्ध होंगे।
मॉडर्ना की वैक्सीन का फाइनल ट्रायल शुरू
फार्मा कंपनी मॉडर्ना की वैक्सीन परीक्षण के आखिरी चरण की ओर बढ़ गई है। कंपनी ने 30,000 वयस्कों के साथ परीक्षण की शुरुआत की है। इसमें ऐसे लोगों को शामिल किया गया है, जिन्हें सांस से जुड़ी कोई परेशानी नहीं रही है। अमेरिका सरकार ने इस वैक्सीन प्रोजेक्ट को करीब एक अरब डॉलर का सहयोग दिया है। कंपनी के अधिकारियों का कहना है कि साल के आखिर तक टीका बाजार में आ सकता है।
ट्रायल के आखिरी चरण में यह देखा जाएगा कि टीका कितना सुरक्षित है और वायरस के संक्रमण से बचाने में कितना कारगर है। इसमें यह भी देखा जाएगा कि टीका किसी मरीज को कोविड-19 के कारण होने वाली मौत से बचाने में किस हद तक सक्षम है। मॉडर्ना ने कहा है कि वह साल में 50 करोड़ खुराक तैयार करने के लिए तैयार है। इस क्षमता को बढ़ाकर एक अरब खुराक सालाना करने की कोशिश है।