Coronavirus Treatment: अध्ययन में आया सामने- पराबैंगनी किरण से कोरोना संक्रमण को किया जा सकता है कम
अमेरिका में हुई एक रिसर्च में सामने आया है कि कोरोना वायरस संक्रमण को पराबैंगनी किरण (Ultraviolet light) से कम किया जा सकता है। मंगलवार को प्रोसीडिंग्स ऑफ द नेशनल एकेडमी ऑफ साइंसेज में यह शोध छापी गई है।
कनेक्टिकट, एएनआइ। पूरी दुनिया इस वक्त कोरोना वायरस की रोकथाम के लिए हरसभंव प्रयास किए जा रहे हैं। अब एक नए अध्ययन में सामने आया है कि पराबैंगनी किरण (Ultraviolet light) से कोरोना के संक्रमण को कम किया जा सकता है। अध्ययन में कहा गया है कि वैज्ञानिकों ने मौसम और अधिकतम विकास दर के बीच सांख्यिकीय मॉडल (statistical models)पर शोध किया। मंगलवार को प्रोसीडिंग्स ऑफ द नेशनल एकेडमी ऑफ साइंसेज (National Academy of Sciences) में यह शोध प्रकाशित किया गया है।
सर्दियों में चरम पर होगा वायरस
शोधकर्ताओं ने भविष्यवाणी करते हुए कहा कि गर्मियों में इस वायरस का संक्रमण खत्म हो सकता है,लेकिन सर्दियों में यह वायरस अपने चरम पर होगा। ऐसे में इस वायरस को लेकर किसी भी प्रकार की अनिश्चितता को ध्यान में रखते हुए सामाजिक हस्तक्षेप (social intervention) आवश्यक है।
सर्दियों में संक्रमण के कम होने बना संशय
कोरी मेरो और मार्क सी (Cory Merow and Mark C) अर्बन के शोध लेख में कहा गया है कि अभी तक यह साफ नहीं हो पाया है कि अप्रैल 2020 में कम हुआ वायरस का संक्रमण सर्दियों में कम होगा या नहीं। इससे सभी अस्पतालों को वैक्सीन बनाने में और समय मिल पाएगा।
उच्च तापमान, आर्द्रता और पराबैंगनी से कम होगा संक्रमण
उन्होंने बताया कि इससे पहले प्रयोगशाला के अध्ययन और संबंधित वायरस पर अनुसंधान से शुरुआती भविष्यवाणी में बताया गया था कि COVID-19 उच्च तापमान, आर्द्रता और पराबैंगनी (यूवी) प्रकाश के साथ घट जाएगा।
दुनिया में अमेरिका सबसे ज्यादा संक्रमित देश
बता दें कि इस वक्त पूरी दुनिया में कोरोना का कहर बना हुआ है। इस वायरस से बचाव के लिए सभी देश अपने स्तर पर वैक्सीन बनाने में जुटे हुए हैं। दुनिया में इस वक्त भयानक से अमेरिका सबसे ज्यादा संक्रमित देश है।
वैश्विक कोरोना वायरस मामलों का आंकड़ा 3 करोड़ 80 लाख के पार पहुंच गया है। यह अपडेट जॉन्स हॉपकिन्स यूनिवर्सिटी (Johns Hopkins University) द्वारा जारी नवीनतम डाटा से मिला है। कुल मामलों का आंकड़ा अब 3 करोड़ 80 लाख 33 हजार 2 सौ 87 है और मरने वालों की संख्या अब तक 10 लाख 84 हजार 8 सौ 88 हो गई है।