Move to Jagran APP

छींकने या खांसने से फैल सकता है कोरोना संक्रमण, घर में भी मास्क पहनना जरूरी, वैज्ञानिकों का दावा

विश्व स्वास्थ्य संगठन का कहना है कि कोरोना संक्रमण के हवा से फैलने के सुबूत विश्वास करने योग्य नहीं है।

By Bhupendra SinghEdited By: Published: Mon, 06 Jul 2020 07:27 PM (IST)Updated: Mon, 06 Jul 2020 07:27 PM (IST)
छींकने या खांसने से फैल सकता है कोरोना संक्रमण, घर में भी मास्क पहनना जरूरी, वैज्ञानिकों का दावा
छींकने या खांसने से फैल सकता है कोरोना संक्रमण, घर में भी मास्क पहनना जरूरी, वैज्ञानिकों का दावा

वाशिंगटन, एजेंसी। विश्व के 239 वैज्ञानिकों का दावा है कि नोवल कोरोना वायरस के कण हवा में रहकर लोगों को संक्रमित कर सकते हैं। इन वैज्ञानिकों ने विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) को भी इन दावों पर विचार करने के लिए पत्र लिखा है। इनडोर क्षेत्रों में शारीरिक दूरी के नियमों का पालन करने के बावजूद संक्रमित व्यक्ति से अन्य लोग आसानी से हवा के जरिये संक्रमित हो सकते हैं। इसलिए चारदीवारियों में बंद रहते हुए भी एन-95 मास्क पहनने की जरूरत है।

loksabha election banner

छींकने, खांसने, जोर से बोलने वाले व्यक्ति से संक्रमित हो सकते हैं

छींकने, खांसने या जोर से बोलने पर संक्रमित व्यक्ति के मुंह से निकली छोटी सूक्ष्म बूंदें (ड्रॉपलेट्स) कार्यालयों, घरों, शॉपिंग मॉलों और अस्पतालों आदि में हवा में काफी देर तक रह जाती हैं और इनके संपर्क में आने वाले व्यक्ति संक्रमित हो सकते हैं।

वैज्ञानिकों ने कहा- नाक और मुंह के जरिये आसानी से कोरोना संक्रमण फैल सकता है

वैज्ञानिकों ने कहा कि नाक और मुंह के जरिये एक छत के नीचे आसानी से नोवल कोरोना संक्रमण फैलता है। डब्ल्यूएचओ को लिखे ओपन लेटर में 32 देशों के 239 वैज्ञानिकों ने कहा कि मुंह या नाक से निकली कुछ छोटी बूंदे हवा में कुछ समय तक रहने से नोवल कोरोना वायरस फैल सकता है। हालांकि डब्ल्यूएचओ ने अभी इस अपील पर अपनी कोई आधिकारिक जवाब नहीं दिया है।

छींकने या खांसने से लोगों में कोरोना संक्रमण फैल सकता है, वैज्ञानिकों का दावा

वैज्ञानिकों ने कहा कि छींकने या खांसने पर मुंह से निकली बड़ी बूंदों के हवा में रह जाने के चलते आसपास के लोगों में यह संक्रमण फैल सकता है। किसी के छींकने या खांसने से हवा के जरिये पूरे कमरे में यह संक्रमण फैल सकता है। आसपास के लोग सांस लेने भर से इससे संक्रमित हो सकते हैं।

डब्ल्यूएचओ ने कहा- पुख्ता सुबूतों का है अभाव

हालांकि स्वास्थ्य संगठन का कहना है कि संक्रमण के हवा से फैलने के सुबूत विश्वास करने योग्य नहीं है। डब्ल्यूएचओ की तकनीकी प्रमुख डॉ. बेनडाटा अलग्रांजी ने कहा कि पिछले कुछ महीनों में बार-बार हवा के जरिये संक्रमण फैलने के दावे किए जा रहे हैं, लेकिन इन बातों का कोई ठोस आधार या पुख्ता सुबूत नहीं हैं।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.