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अगर खुश रहना चाहते हैं तो खूब खाएं फल- सब्जियां और करें व्यायाम, नए अध्ययन में खुलासा

अच्छी सेहत में संतुलित आहार और एक्सरसाइज यानी व्यायाम की अहम भूमिका होती है। इस तरह की जीवनशैली से न सिर्फ बीमारियों को दूर रखा जा सकता है बल्कि खुशी के स्तर को भी बढ़ाया जा सकता है। अब एक नए अध्ययन से भी यही बात साबित हुई है।

By TaniskEdited By: Published: Sat, 18 Sep 2021 03:57 PM (IST)Updated: Sat, 18 Sep 2021 03:57 PM (IST)
अगर खुश रहना चाहते हैं तो खूब खाएं फल- सब्जियां और करें व्यायाम, नए अध्ययन में खुलासा
खुश रहना चाहते हैं तो खूब खाएं फल और सब्जियां और करें व्यायाम। (फोटो- एएनआइ)

वाशिंग्टन, एएनआइ। अच्छी सेहत में संतुलित आहार और एक्सरसाइज यानी व्यायाम की अहम भूमिका होती है। इस तरह की जीवनशैली से न सिर्फ बीमारियों को दूर रखा जा सकता है बल्कि खुशी के स्तर को भी बढ़ाया जा सकता है। अब एक नए अध्ययन से भी यही बात साबित हुई है। इस अध्ययन के अनुसार, फलों और सब्जियों के सेवन के साथ एक्सरसाइज करने से खुशी के स्तर को बढ़ाया जा सकता है। इसके आधार पर यह कहा जा सकता है कि अगर खुश रहना चाहते हैं तो फल और सब्जियां खूब खाएं और व्यायाम करें।

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जर्नल आफ हैप्पीनेस स्टडीज में अध्ययन के नतीजों को प्रकाशित किया गया है। पूर्व के अध्ययनों से भी जीवनशैली और तंदरुस्ती के बीच जुड़ाव की बात सामने आ चुकी है। इसलिए जनस्वास्थ्य को लेकर चलने वाले अभियानों में पौष्टिक आहारों और एक्सरसाइज पर जोर दिया जाता है। नए अध्ययन में संतुलित जीवनशैली से खुशी बढ़ने की बात सामने आई है।

यह अपनी तरह का पहला अध्ययन है, जिसमें फलों व सब्जियों के सेवन और व्यायाम के बीच जुड़ाव पर गौर किया गया है। ब्रिटेन की केंट यूनिवर्सिटी और रीडिंग यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने यह अध्ययन किया है। अध्ययन से यह बात भी सामने आई है कि पुरुष ज्यादा एक्सरसाइज करते हैं और महिलाएं अधिक फल और सब्जियां खाती हैं। शोधकर्ताओं का कहना है कि इस तरह के खानपान को अपनाने के साथ नियमित रूप से व्यायाम करने से कई समस्याओं से बचा जा सकता है। 

अध्ययन का निष्कर्ष बताता है कि आत्म-नियंत्रण की क्षमता जीवन शैली के निर्णयों को प्रभावित करने में एक प्रमुख भूमिका निभाती हैं। इनका शरीर पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है। यह बात हर कोई जानता है कि जीवन शैली से जुड़ी बीमारियां दुनियाभर में खराब स्वास्थ्य और मृत्यु दर का एक प्रमुख कारण हैं। यूरोप में ब्रिटेन में सबसे अधिक मोटापा दर है। इन निष्कर्षों का सार्वजनिक स्वास्थ्य नीति के लिए महत्वपूर्ण प्रभाव हो सकता है।


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