भारत में तेजी से बढ़ रहे कोरोना के मामले, भारतीय मूल के विशेषज्ञ ने जताई चिंता
हार्वर्ड ग्लोबल हेल्थ इंस्टीट्यूट के निदेशक डॉ. आशीष झा ने भारत में कोरोना के बढ़ते मामलों को लेकर चिंता व्यक्त की है।
न्यूयॉर्क, पीटीआइ। भारत में कोरोना वायरस के मामले 4 लाख को पार कर गए हैं। हार्वर्ड ग्लोबल हेल्थ इंस्टीट्यूट (Harvard Global Health Institute) के निदेशक डॉ. आशीष झा ने बढ़ते मामलों को लेकर चिंता व्यक्त की है। उन्होंने कहा है ज्यादा आबादी वाले राज्य बिहार और उत्तर प्रदेश में हालात खराब हो सकते हैं और यहां मौतों की संख्या में वृद्धि देखने को मिल सकती है।
भारत ने रविवार को कोरोना वायरस के रिकॉर्ड 15,413 नए मामले सामने आए हैं औऱ 303 लोगों की इस दौरान मौत भी हुई है। देश में कोरोना संक्रमितों आंकड़ा बढ़कर 4 लाख 10 हजार 461 हो गया है। इसके साथ ही मरने वालों की संख्या 13,254 हो गई है।
झा ने पीटीआई से कहा कि अभी मैं भारत में तेजी से बढ़ रहे कोरोना के मामलों को लेकर चिंतित हूं। मुंबई, दिल्ली और चेन्नई जैसे कुछ बड़े मेट्रो क्षेत्रों में कोरोना के प्रसार की उच्च देखने को मिल रही है, लेकिन अधिक जनसंख्या वाले राज्य बिहार और यूपी को लेकर मुझे ज्यादा चिंता है, जहां प्रसार तेजी से नहीं हुआ है। जब यहां प्रसार की रफ्तार बढ़ेगी, तब मामलों और मौतों की संख्या में बड़ी वृद्धि देखने को मिलेगी। इसके लिए हमें तैयार रहने की आवश्यकता है।
ईमेल द्वारा साक्षात्कार में उन्होंने कहा कि भारत कोरोना वायरस के मामलों की संख्या में दुनिया के शीर्ष पांच देशों में शामिल हो गया है। भारत में बीते 6 दिनों से लगातार 10,000 से अधिक नए मामले सामने आ रहे हैं। आने वाले हफ्तों और महीनों में संख्या में वृद्धि जारी रहेगी।उन्होंने कहा कि फिलहाल यह अनुमान लगाना बेहद कठिन है कि पूरे भारत में कोरोना वायरस कैसे फैलेगा।
झा ने भारत में संभावित कोविड-19 की मौत के अनुमान के लिए 'Youyang Gu COVID-19' मॉडल का उल्लेख किया, जो दुनिया भर में वायरस से संक्रमण और मौतों का अनुमान लगाता है। इस मॉडल के अनुमान के अनुसार 1 अक्टूबर, 2020 तक भारत में कोरोना से मरने वालों की संख्या 1 लाख 36 हजार 056 होगी और 2,73 करोड़ लोग संक्रमित होंगे।
उन्होंने कहा कि भारत में कोविड-19 की परीक्षण क्षमता पिछले दो महीनों में कुछ हद तक बढ़ी है, लेकिन यह अभी भी बहुत कम है। भारत प्रति एक हजार पर लगभग 4.2 लोगों का परीक्षण कर रहा है, जो दुनिया में सबसे कम परीक्षण दरों में से एक है। अमेरिका में प्रति एक हदार पर 72, यूके में 59, रूस में 106 की तुलना में यह अत्यधिक संक्रमित देशों में सबसे कम है।
झा ने बताया कि संपर्क ट्रेसिंग ऐप आरोग्य सेतु का विकास एक सही दिशा में उठाया गया कदम है, लेकिन व्यापक गोपनीयता की चिंताओं के कारण इसकी प्रभावशीलता प्रभावित हो सकती है। भारत द्वारा संक्रमण की दर को नियंत्रित करने के लिए क्या किया जाना चाहिए, इस पर झा ने कहा कि लॉकडाउन एक दीर्घकालिक रणनीति नहीं है। भारत को वायरस को नियंत्रित करने के लिए एक विस्तृत योजना की आवश्यकता है।