चीनी सरकार के हैकर्स ने बनाया अमेरिकी कोरोना वैक्सीन को निशाना, खुफिया डाटा चुराने का आरोप
एक अमेरिकी सुरक्षा अधिकारी के अनुसार हैकिंग के आधार पर चीनी सरकार से जुड़े हैकर्स ने अमेरिका बायोटेक कंपनी मॉडर्ना इंक(Moderna Inc.) को निशाना बनाया है।
वाशिंगटन, रायटर। दुनियाभर में कोरोना वैक्सीन को लेकर फिलहाल ट्रायल चल रहा है। इस बीच कोरोना वैक्सीन से जुड़ा डाटा इस समय सबसे बहुमूल्य है। चीन जो कि हमेशा से कई देशों की सुरक्षा में सेंध लगाने का काम करता आया है उसने एक बार फिर एक नापाक हरकत की है। चीनी सरकार के हैकर्स ने कोरोना वैक्सीन से जुड़ी खुफिया जानकारी चुराने की कोशिश की है। एक अमेरिकी सुरक्षा अधिकारी के अनुसार हैकिंग के आधार पर चीनी सरकार से जुड़े हैकर्स ने अमेरिका बायोटेक कंपनी मॉडर्ना इंक(Moderna Inc.) को निशाना बनाया, जो अमेरिका की एक प्रमुख कोरोना वैक्सीन रिसर्च डेवलपर है। यह कंपनी फिलहाल कोरोना वैक्सीन का क्लीनिकल ट्रायल कर रही है। अमेरिका इस वैक्सीन के तीसरे चरण में है।
जानकारी के मुताबिक पिछले हफ्ते अमेरिका के न्याय विभाग ने कोरोना से लड़ने के लिए जारी चिकित्सा अनुसंधान में शामिल तीन अमेरिकी संस्थानों की जासूसी करने के आरोपी दो चीनी नागरिकों का एक बयान सार्वजनिक किया है। चीनी हैकर्स ने अपने कबूलनामे में बताया कि वह मैसाचुसेट्स स्थित बायोटेक फर्म(मॉडर्ना) के कंप्यूटर नेटवर्क की जासूसी कर रहे थे। यह फर्म जनवरी से ही कोरोना वायरस वैक्सीन पर काम कर रही है। माडर्ना, जो मैसाचुसेट्स में स्थित है, उसने जनवरी में कोरोना वैक्सीन की घोषणा की थी। माडर्ना फर्म ने रायटर को पुष्टि की कि कंपनी एफबीआई के संपर्क में थी और उसने उन्हें उल्लिखित हैक ग्रुप द्वारा संदिग्ध सूचना टोही गतिविधियों से अवगत कराया।
चीन ने आरोपों को किया खारिज
चीन ने शुक्रवार को अमेरिका के आरोपों को खारिज कर दिया कि चीनी सरकार के हैकर्स ने कोरोना वैक्सीन से जुड़ी बायोटेक फर्म मॉडर्न इंक को डाटा चोरी करने के लिए निशाना बनाया था। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता वांग वेनबिन ने एक समाचार ब्रीफिंग को बताया कि आरोप बेबुनियाद और बिना सबूत के हैं।
मॉडर्ना के एक प्रवक्ता रे जॉर्डन(Ray Jordon) ने बताया कि मॉडर्ना आधुनिक साइबर खतरों के लिए अत्यधिक सतर्क रहता है। इसके लिए उसने आंतरिक सुरक्षा टीम, बाहरी सहायता सेवाओं और बाहरी अधिकारियों के साथ अच्छे संबंधों को बनाए रखने के लिए खतरों का लगातार आकलन करता है।
हालांकि, एफबीआई और अमेरिकी स्वास्थ्य और मानव सेवा विभाग ने चीनी हैकर्स द्वारा निशाना बनाई गई कंपनियों की पहचान का खुलासा करने से इनकार कर दिया है। बता दें ऐसा पहली बार नहीं है कि चीन पर हैकिंग का आरोप लगा है। लेकिन चीनी सरकार ने दुनिया भर में हो रही घटनाओं को हैक करने में किसी भी भूमिका से लगातार इनकार किया है। ये चीन की नीति है।