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शीत युद्ध में पूर्व सोवियत संघ की तरह नहीं हारेगा चीन, ड्रैगन ने दी अमेरिकी सरकार को धमकी

चीन के राजदूत क्विन गांग ने एक साक्षात्कार में कहा कि वे लोग शीत युद्ध नहीं जीत पाएंगे। पहली बात चीन पूर्ववर्ती सोवियत संघ नहीं है। चीन की कम्युनिस्ट पार्टी सोवियत संघ कम्युनिस्ट पार्टी की तरह नहीं है।

By Dhyanendra Singh ChauhanEdited By: Published: Mon, 27 Dec 2021 06:24 PM (IST)Updated: Mon, 27 Dec 2021 10:59 PM (IST)
शीत युद्ध में पूर्व सोवियत संघ की तरह नहीं हारेगा चीन, ड्रैगन ने दी अमेरिकी सरकार को धमकी
चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग और जो बाइडन की फाइल फोटो

वाशिंगटन, एएनआइ। चीन पूर्ववर्ती सोवियत संघ की तरह नहीं है जो शीत युद्ध में हार जाए। अमेरिका में तैनात चीनी राजदूत क्विन गांग ने एक साक्षात्कार में अमेरिकी सरकार को यह चेतावनी दी है। बड़े अमेरिकी मीडिया घरानों के प्रधान संपादकों और वरिष्ठ संवाददाताओं के साथ बातचीत में अमेरिका और चीन के बीच मौजूदा तनातनी पर गांग ने कहा, 'यदि लोग वास्तव में चीन के खिलाफ शीत युद्ध छेड़ना चाहते हैं तो मैं कहना चाहूंगा कि चीन पराजित नहीं होगा।'

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चीन के राजदूत ने कहा, 'वे लोग शीत युद्ध नहीं जीत पाएंगे। पहली बात चीन पूर्ववर्ती सोवियत संघ नहीं है। चीन की कम्युनिस्ट पार्टी सोवियत संघ कम्युनिस्ट पार्टी की तरह नहीं है। 100 साल पुरानी चीन की कम्युनिस्ट पार्टी ने हाल ही में बड़ा बर्थडे केक काटकर शताब्दी वर्ष मनाया है।'

बीजिंग के हित वाशिंगटन के साथ बंधे

अमेरिका और चीन के बीच संभावित शीत युद्ध पर गांग ने पूछा, 'नया शीत युद्ध कहां से आया? लोगों को क्यों लग रहा है कि शीत युद्ध लौट रहा है। इसका कारण यह है कि अमेरिका में कुछ लोगों की मानसिकता शीत युद्ध वाली है। वे चीन को सोवियत संघ की तरह ले रहे हैं। लेकिन चीन सोवियत संघ नहीं है।' उन्होंने उल्लेख किया कि अमेरिका 30 साल पहले वाला अमेरिका नहीं है। बीजिंग के हित वाशिंगटन के साथ बंधे हैं। अमेरिका, चीन का सबसे बड़ा कारोबारी साझेदार है और चीन भी अमेरिका का तीसरा बड़ा कारोबारी साझेदार है।

अमेरिका ने बंधुआ मजदूरी के खिलाफ पास किया कानून

वहीं, दूसरी ओर चीन में उइगर मुस्लमानों पर अत्याचार रोकने के इरादे से अमेरिका के 'हाउस आफ रिप्रेजेंटेटिव' ने एक कानून पास किया है। इस कानून का मकसद बंधुआ मजदूरी के तहत बने सामान के आयात पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगाना है।

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